नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण समारोह 2019 : राजघाट-अटल स्थल के बाद वॉर मेमोरियल पहुंचे मोदी, दी श्रद्धांजलि
By: Priyanka Maheshwari Thu, 30 May 2019 08:02:03
लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। 2014 की तरह ही इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रीमंडल का शपथ ग्रहण समारोह मेगा इवेंट होने वाला है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 8000 मेहमानों को न्योता भेजा गया है। बाहरी मेहमानों में बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान के प्रमुख शामिल होंगे। इसके अलावा सांसदों और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी न्यौता दिया गया है। इससे पहले वे सुबह करीब सात बजे राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गाधी को श्रद्धांजलि दी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि 'सदैव अटल' भी पहुंचे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट के नजदीक बने वॉर मेमोरियल पहुंचे हैं। जहां उन्होंने शहीद जवानों की श्रद्धांजलि दी।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi pays tribute at the National War Memorial in Delhi. Army Chief Gen. Bipin Rawat, Navy Chief Admiral Sunil Lanba and Vice Chief of Air Force Air Marshal RKS Bhadauria also present. pic.twitter.com/Pr4Vs5XLQQ
— ANI (@ANI) May 30, 2019
Prime Minister Narendra Modi pays tribute at the National War Memorial in Delhi. pic.twitter.com/fPgkRJoxak
— ANI (@ANI) May 30, 2019
Delhi: Prime Minister Narendra Modi and Bharatiya Janata Party President Amit Shah pay tribute at Sadaiv Atal Samadhi, the memorial of late Prime Minister Atal Bihari Vajpayee. pic.twitter.com/AjOev0ksJP
— ANI (@ANI) May 30, 2019
#WATCH Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Mahatma Gandhi at Rajghat. Later today, President Ram Nath Kovind will administer the oath of office and secrecy to PM Modi. pic.twitter.com/5LbxQBuhkW
— ANI (@ANI) May 30, 2019
शपथ ग्रहण समारोह में इस बार मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोन्बे जीनबेकोव, बांग्लादेश के प्रेसिडेंट अब्दुल हमीद, श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली, म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिन्ट, भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग शामिल होंगे। पिछली बार सार्क देशों के प्रमुख शामिल हुए थे, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था। इस बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को नहीं बुलाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक इस बार 65 मंत्री हो सकते हैं। इनमें 20 नए चेहरे संभव हैं। 2014 में 45 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। हालांकि बाद में कुल मंत्रियों की संख्या 76 हो गई थी। समारोह में शामिल होने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को न्योता दिया गया है। पर प। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने समारोह में आने से मना कर दिया है। ममता ने एक पत्र के जरिए शपथ ग्रहण में शामिल न होने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा- नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी बधाई। मेरी योजना थी कि आपका न्योता स्वीकार करूं और शपथ ग्रहण समारोह में आऊं। शपथ ग्रहण लोकतंत्र को मनाने का गरिमामय मौका होता है। यह ऐसा मौका नहीं होता है, जिसकी गरिमा को कोई दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करके कम कर दे। मुझे माफ करें। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह ने न्योता स्वीकार कर लिया है। समारोह में करीब 8 हजार मेहमान शामिल होंगे।
शाह मंत्रिमंडल में हो सकते है शामिल
अमित शाह 24 जनवरी 2016 को भाजपा के दूसरी बार अध्यक्ष बनाए गए थे। 23 जनवरी 2019 को उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है। चुनाव तक के लिए कार्यकाल बढ़ाया गया है। भाजपा में किसी को दो बार से अधिक अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है। इसलिए कयास है कि शाह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। चूंकि भाजपा सरकार दूसरी पारी में विकास के एजेंडे पर फोकस करना चाहती है, इसलिए सूत्रों का मानना है कि वित्त मंत्रालय ऐसे व्यक्ति को मिलेगा जो विकास का एजेंडा चला सके। इसके लिए सबसे विश्वस्त और मजबूत नेता की जरूरत है। इसलिए भी पूरी संभावना है कि शाह वित्तमंत्री बनाए जाएंगे।
बीजेपी के कई नेताओं का मानना है कि पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के अधिकतर प्रमुख सदस्यों को बरकरार रखा जा सकता है। वरिष्ठ सदस्यों जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर के अपना स्थान बरकरार रखने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में राहुल गांधी को हराने वाली ईरानी को एक प्रमुख प्रभार मिलने की उम्मीद है। शपथ ग्रहण से एक दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वह खराब सेहत के चलते नयी सरकार में मंत्री पद के इच्छुक नहीं हैं। गृह मंत्रालय के लिए राजनाथ सिंह का नाम तय माना जा रहा है। उधर, विदेश और रक्षा मंत्रालय के लिए नितिन गडकरी व निर्मला सीतारमण के नाम की चर्चा है। उधर, रेल मंत्रालय के लिए पीयूष गोयल की दावेदारी मजबूत है। स्मृति ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो अरुण जेटली पहले ही स्वास्थ्य कारणों के चलते मंत्री पद नहीं लेना चाहते हैं। अरुण जेटली ने अपने फैसले की जानकारी पीएम मोदी को पत्र लिखकर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर जेटली ने कहा कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते नयी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। बता दें, अरुण जेटली की खराब तबीयत को देखते हुए पहले से चर्चा थी कि वह पीएम मोदी के कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे।
पत्र में जेटली ने लिखा है, 'पिछले 18 महीनों से मेरी तबीयत ज्यादा खराब है। जब आप चुनाव प्रचार के बाद केदारनाथ के लिए निकल रहे थे तो मैंने आपको जानकारी दी थी कि मुझे सारी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए, ताकि मैं मेरे स्वास्थ्य पर ज्यादा अच्छे से ध्यान दे सकूं।'
इन नए चेहरों को मिल सकती है जगह
अपराजिता सारंगी ओडिशा
बृजेंद्र सिंह हरियाणा
विजय चौथायीवाला मोदी की विदेश यात्राओं का मैनेजमेंट संभाला
अर्जुन मुंडा झारखंड
सुनील सोरेन झारखंड
अर्जुन सिंह बंगाल
दिलीप घोष बंगाल
जॉन बार्ला बंगाल
लॉकेट चटर्जी बंगाल
शांतनु ठाकुर बंगाल
किशन रेड्डी तेलंगाना
अरविंद कुमार तेलंगाना
दीया कुमारी राजस्थान
अनुराग ठाकुर हिमाचल
जदयू-शिवसेना के दो सदस्य मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच जदयू के सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर चर्चा हुई। उधर, राम विलास पासवान को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने वाली एआईएडीएमके के सांसद को भी मंत्री पद मिल सकता है।