5 लाख रुपए तक की आमदनी वाले ही नहीं 8 से 9 लाख रुपये कमाने वाले लोग भी बच सकते है टैक्स देने से, यह है तरीका
By: Priyanka Maheshwari Sun, 03 Feb 2019 10:13:00
'सबका साथ, सबका विकास' एजेंडा के साथ प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को 2019-20 (Budget 2019) के लिए अंतरिम बजट पेश कर दिया है, जिसमें सभी वर्गों का खास ख्याल रखा गया है। इस दौरान उन्होंने किसानों और मिडिल क्लास के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। गोयल ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए टैक्स की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी। यानि अब 5 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स के दायरे से बाहर होगी। अभी 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता था। सरकार के इस कदम से मिडिल क्लास काफी राहत महसूस कर रहा है। टैक्स छूट में घोषणा के समय संसद में कुछ देर तक मोदी-मोदी के नारे लगे। हालाकि अनुमान लगाया जा रहा कि इस फैसले के बाद सरकार को 18,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।
8- 9 लाख रुपये तक कि कमाई पर भी कर देने से बचा जा सकता है
अंतरिम बजट में पांच लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की घोषणा के बाद शनिवार को राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि कर बचत वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति सालाना 8- 9 लाख रुपये तक कि कमाई पर भी कर देने से बच सकता है। उन्होंने कहा यदि किसी व्यक्ति ने भविष्य निधि, जीवन बीमा, पेंशन योजना, पांच साल की सावधि जमा और राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी विभिन्न कर बचत योजनाओं में निवेश किया है, आवास ऋण लिया है तो नये बजट प्रस्ताव के तहत ऐसे व्यक्ति की 8 से 9 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर देनदारी नहीं होगी।
पांडेय ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘हमने आयकर में पूरी छूट दी है ताकि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्ति को कोई कर नहीं देना पड़े ऐसे में आयकर की धारा 80सी के तहत विभिन्न योजनाओं में निवेश करने अथवा शिक्षा और आवास ऋण पर ब्याज का भुगतान करने वाले पांच लाख से अधिक कमाई करने वाले लोग भी कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। आपने पेंशन योजना में निवेश किया है, चिकित्सा बीमा प्रीमियम भरा है, तो आठ से नौ लाख रुपये के दायरे में कमाई करने वाले भी कर योग्य आय पांच लाख रुपये से नीचे आने पर कर छूट पा सकते हैं और उन्हें कोई कर नहीं देना होगा।''
सरकार के इस कदम से स्वरोजगार करने वाले, छोटे व्यवसायी, कारोबारी, वेतन भोगी, पेंशनर और वरिष्ठ नागरिक सहित मध्यमवर्ग के करोड़ों करदाताओं को राहत मिलेगी। आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कुछ खास योजनाओं में निवेश करने पर डेढ लाख रुपये तक की कर छूट मिल सकती है। लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), जीवन बीमा पॉलिसी, दो बच्चों की पढ़ाई पर दी गई ट्यूशन फीस, बैंकों में पांच साल की सावधि जमा, राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) सहित कुछ गिनी-चुनी योजनायें हैं जिनमें निवेश कर डेढ लाख रुपये तक की कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इसके अलावा आवास ऋण पर दिये गये दो लाख रुपये तक के ब्याज पर भी कर छूट का लाभ मिल सकता है। राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश पर 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त छूट मिल सकती है। चिकित्सा बीमा प्रीमियम में भी 75 हजार रुपये तक की कर छूट उपलब्ध है। इन सब के अलावा सरकार ने व्यक्तिगत आयकर की गणना में मानक कटौती को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है। यह वेतनभोगी तबके को अतिरिक्त लाभ दिया गया है।