ओडिशा / कोरोना संक्रमण के डर से गांव वालों ने नहीं करने दिया शव का अंतिम संस्कार, मजबूरन दफनाना पड़ा
By: Pinki Thu, 02 July 2020 11:11:25
ओडिशा के गंजाम जिले के कविसूर्यानगर ब्लॉक से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक व्यक्ति की सामान्य बीमारी की वजह से मौत हो गई, लेकिन ग्रामीणों ने कोरोना से हुई मौत समझकर उसके भाई-बहन को शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। दरअसल, एक ट्रैवलिंग सेल्समैन की नौकरी करने वाले सोमनाथ पात्रा पिछले 10 दिनों से बुखार और खांसी से पीड़ित थे। सोमवार को जब उनकी हालत बिगड़ने लगी तो उनके भाई और बहन उन्हें एम्बुलेंस में शीतलापल्ली के कोरोना अस्पताल ले गए। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते सोमनाथ की मृत्यु हो गई। इसके बाद मृत सोमनाथ के भाई और बहन उसी एम्बुलेंस से सोमनाथ के शव को लेकर गांव लौटे, लेकिन गांव वालों ने उन्हें गांव के अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया। गांव वालों को शक था कि सोमनाथ की मौत कोरोना की वजह से हुई है, जबकि सोमनाथ की कोरोना जांच तक भी नहीं हुई थी।
मृत सोमनाथ की बहन संजुक्ता ने कहा, 'हालांकि हमारे कुछ रिश्तेदार थे, लेकिन कोई भी इस डर से नहीं आया कि मेरे भाई की मौत के कारण हुई है। जब हमने मदद मांगी तो हमारे पड़ोसियों ने भी दूसरा रास्ता दिखाया।'
कुछ घंटों के इंतजार के बाद, एम्बुलेंस चालक ने भाई-बहन की जोड़ी को एम्बुलेंस से शव को बाहर निकालने के लिए कहा। उसके बाद भाई-बहन ने शव को प्लास्टिक की चादर में लपेट दिया और सड़क के किनारे दलदली जमीन पर ले गए जहां शव को दफनाना था।
भाई-बहन की दुर्दशा देखकर कुछ लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद शव को दफनाने के लिए खुदाई की गई और अंतिम संस्कार की वजाय शव को दफनाया गया।
इस शर्मनाक घटना के सामने आए के बाद कविसूर्यानगर के तहसीलदार प्रकाश मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से स्थानीय लोगों ने शव के दाह संस्कार में मदद करने से इनकार किया वह शर्मनाक था। एक व्यक्ति को इस संदेह पर कलंकित करना कि उसकी मृत्यु कोरोना के कारण हुई है। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
आज मिले 229 नए मरीज
बता दे, ओडिशा में पिछल 24 घंटे में कोरोना के 229 नए मामले सामने आए है। इसके साथ ही यहां कुल संक्रमितों की संख्या 7 हजार 545 हो गई है। वहीं। इस वायरस आज 2 लोगों की मौत हुई है। यहां कुल मौतों की संख्या 35 हो गई है। राज्य में अब तक 5 हजार 502 लोगों इस बीमारी से ठीक हो चुके है वहीं, 2 हजार 8 लोगों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है।