दोषियों को फांसी के बाद निर्भया के माता-पिता की अपील-'निर्भया दिवस' के रूप में मनाया जाए 20 मार्च

By: Pinki Fri, 20 Mar 2020 08:56:56

दोषियों को फांसी के बाद निर्भया के माता-पिता की अपील-'निर्भया दिवस' के रूप में मनाया जाए 20 मार्च

साल 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों पवन, मुकेश, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया और अब इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा। दोषियों को फांसी पर चढ़ाने की सात वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ने वाले निर्भया के मात-पिता ने अपनी बेटी को न्याय मिलने पर खुशी जाहिर की और कहा कि देश में 20 मार्च को 'निर्भया दिवस' के रूप में मनाया जाना चाहिए। निर्भया के माता-पिता ने कहा कि न्याय के लिए उनका इंतजार काफी पीड़ादायक था।

तिहाड़ जेल में चारों दोषियों की फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में देर हुई। कोर्ट में लंबी लड़ाई चली। लेकिन देर से ही सही, आज मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया। उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियरी ने आज साबित किया कि महिलाओं के साथ अगर अत्याचार होगा, तो उसकी सजा मिलेगी।

चारों दोषियों की फांसी होने पर निर्भया के पिता ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, 'न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘निर्भया दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।' इधर फांसी के बाद निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने भी देश की न्यायिक व्यवस्था को धन्यवाद दिया। मीडिया के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने पूरे 7 साल की कानूनी लड़ाई के बारे में अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि हम लोग कोशिश करेंगे कि अपने वकीलों से मिलकर इन 7 सालों में हमने जो क़ानून में कमियां पाई हैं, उसकी लिस्ट बनाकर सरकार को सौंपेंगे, ताकि कानून की इन कमियों को दूर किया जाए।

बता दें कि शुक्रवार सुबह निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ की जेल संख्या तीन में फांसी दे दी गई।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com