NASA के Perseverance रोवर ने मंगल ग्रह पर की चहलकदमी, पहली बार 21 फीट तक चला; मिट्‌टी पर बने पहियों के निशान, PHOTOS

By: Pinki Sat, 06 Mar 2021 10:20:49

NASA के Perseverance रोवर ने मंगल ग्रह पर की चहलकदमी,  पहली बार 21 फीट तक चला; मिट्‌टी पर बने पहियों के निशान, PHOTOS

जीवन की खोज में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से मंगल ग्रह पर भेजा गया पर्सीवरेंस (Perseverance) रोवर शुक्रवार को पहली बार अपनी लैंडिंग वाली जगह से आगे बढ़ा। रोवर ने अपनी पहली ड्राइव 4 मार्च को की और इस दौरान उसने 6.5 मीटर करीब 21.3 फीट का रास्ता तय किया। इससे मंगल की मिट्‌टी पर उसके पहियों के निशान बन गए। NASA ने इन निशानों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। यह ड्राइव रोवर का पहला मोबिलिटी टेस्ट थी। टीम के सदस्य रोवर के हर सिस्टम-सब सिस्टम और इंस्ट्रुमेंट को चेक कर रहे हैं और कैलिबरेट कर रहे हैं। जब रोवर वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट करने लगेगा तो वह 200 मीटर तक चला करेगा। मंगल के Jezero Crater में उतरा रोवर यहां प्राचीन जीवन के निशान खोजेगा। उम्मीद की जा रही है कि मंगल पर अगर कभी जीवन रहा होगा तो यहां उसके निशान मिल सकेंगे।

nasa perseverance rover drives on mars,perseverance movement on mars,nasa,world news ,पर्सीवरेंस,पर्सीवरेंस रोवर,अमेरिकी स्पेस एजेंसी

पर्सीवरेंस को चलाने और टेस्टिंग की यह प्रोसेस करीब 33 मिनट तक चली। पहले वह 13 फीट चला फिर 150 डिग्री लेफ्ट टर्न लेकर वह करीब 8 फीट पीछे आया। अब वह अपने टेम्परेरी पार्किंग स्पेस में है। पर्सीवरेंस रोवर मोबिलिटी टेस्टबेड इंजीनियर अनायस जारिफायन ने कहा कि यह हमारे लिए पहला अनुभव था। रोवर के 6 पहिए बढ़िया काम कर रहे हैं। यह हमें अगले 2 साल तक साइंस की दुनिया में ले जाने में कामयाब होगा। बयान में कहा गया कि रोवर जब अपने साइंस गोल के लिए मार्स पर काम करना शुरू करेगा, तो हमें उम्मीद है कि यह रेगुलर 656 फीट यानी 200 मीटर का सफर तय करेगा।

NASA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस टेस्ट ड्राइव में हमने पर्सीवरेंस के सभी सिस्टम, सबसिस्टम और उपकरणों की जांच की। उन्होंने बताया कि पर्सीवरेंस ने जहां से अपना मिशन शुरू किया, अब उसे 'ऑक्टिविया ई बटलर लैंडिंग' नाम दिया गया है। यह नाम एक साइंस फिक्शन ऑथर के नाम पर रखा गया है।

आपको बता दे, पर्सीवरेंस (Perseverance) रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है। यह परमाणु ऊर्जा से चलेगा। पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा। इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है। वहीं, हेलिकॉप्टर का वजन 2 किलोग्राम है।

nasa perseverance rover drives on mars,perseverance movement on mars,nasa,world news ,पर्सीवरेंस,पर्सीवरेंस रोवर,अमेरिकी स्पेस एजेंसी

Perseverance का सॉफ्टवेयर किया गया अपडेट

इससे पहले Perseverance का सॉफ्टवेयर अपडेट कर दिया गया। इसमें लैंडिंग के लिए लगे सॉफ्टवेयर को हटाकर मंगल पर एक्सपेरिमेंट में काम आने वाले सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया गया। इसके अलावा इसके रेडार इमेजर फॉर मार्स सबसर्फेस एक्सपेरिमेंट (RIMFAX) और मार्स इन-सीटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरिमेंट (MOXIE) इंस्ट्रुमेंट को भी चेक किया गया।

MOXIE मंगल पर ऑक्सिजन बनाने की कोशिश करेगा ताकि भविष्य में इंसानों को भेजे जाने की स्थिति में जरूरी टेक्नॉलजी को टेस्ट किया जा सके। इसके अलावा मार्स एन्वायरनमेंटल डायनैमिक्स अनैलाइजर (MEDA) के दो विंड सेंसर्स को काम पर लगा दिया गया।

18 फरवरी को मार्स पर लैंड हुआ था


पर्सीवरेंस मार्स रोवर 18-19 फरवरी की दरम्यानी रात मंगल पर जीवन की तलाश के लिए उतरा था। इसने भारतीय समय के अनुसार रात करीब 2 बजे मार्स की सबसे खतरनाक सतह जजीरो क्रेटर पर लैंडिंग की थी। इस सतह पर कभी पानी हुआ करता था।

NASA ने दावा किया है कि यह अब तक के इतिहास में रोवर की मार्स पर सबसे सटीक लैंडिंग है। पर्सीवरेंस रोवर लाल ग्रह से चट्‌टानों के नमूने भी लेकर आएगा।

nasa perseverance rover drives on mars,perseverance movement on mars,nasa,world news ,पर्सीवरेंस,पर्सीवरेंस रोवर,अमेरिकी स्पेस एजेंसी

पानी की खोज और जीवन की पड़ताल करेगा

पर्सीवरेंस और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। यह जमीन के नीचे जीवन के संकेतों के अलावा पानी की खोज और उनसे संबंधित जांच भी करेगा। इसका मार्स एनवॉयर्नमेंटल डायनामिक्स एनालाइजर (MEDA) मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करेगा।

पर्सीवरेंस रोवर में लगे 23 कैमरे

मंगल ग्रह के लेटेस्ट वीडियो और आवाज रिकॉर्ड करने के लिए पर्सीवरेंस रोवर में 23 कैमरे और दो माइक्रोफोन लगाए गए हैं। रोवर के साथ दूसरे ग्रह पर पहुंचा पहला हेलिकॉप्टर Ingenuity भी है। इसके लिए पैराशूट और रेट्रोरॉकेट लगे हैं। इसके जरिए ही स्मूद लैंडिंग हो सकी। अब रोवर दो साल तक जजीरो क्रेटर को एक्सप्लोर करेगा।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com