#MeToo: कोर्ट में हाजिर नहीं हुए अकबर, 31 अक्तूबर को कराएंगे बयान दर्ज, वकील ने कहा, 'प्रिया रमानी के ट्वीट से मेरे क्‍लाइंट की छवि को काफी क्षति पहुंची है'

By: Pinki Thu, 18 Oct 2018 3:19:11

#MeToo: कोर्ट में हाजिर नहीं हुए अकबर, 31 अक्तूबर को कराएंगे बयान दर्ज, वकील ने कहा, 'प्रिया रमानी के ट्वीट से मेरे क्‍लाइंट की छवि को काफी क्षति पहुंची है'

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के सांसद एमजे अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानी का मुकदमा दायर किया है। इस मामले पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। अकबर खुद अदालत में पेश नहीं हुए लेकिन उनकी वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने उनकी पैरवी की। उन्होंने अदालत में कहा, 'प्रिया रमानी ने उनके मुवक्किल के खिलाफ मानहानिकारक ट्वीट किए। उनका दूसरा ट्वीट पूरी तरह से मानहानिकारक था और इसे 1200 लोगों ने लाइक किया है।' बता दे, मोदी सरकार में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (M J Akbar) ने #MeToo अभियान के तहत अपने ऊपर लगे सेक्सुअल हैरासमेंट (यौन शोषण) के आरोपों के बाद अपने पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। एमजे अकबर के इस्तीफे को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, इस्तीफा देने के बाद एमजे अकबर ने कहा कि वह अपने दम पर आगे की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। दरअसल, अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इससे पहले एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे। उनहोंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया।

गीता लूथरा ने अदालत में कहा, 'राष्ट्रीय और अतंरराष्ट्रीय मीडिया ने अपने लेखों में इन मानहानिकारक ट्वीट्स का उद्धरण किया है। जब तक रमानी इसे साबित नहीं कर देती हैं तब तक यह ट्वीट्स मानहानिकारक हैं।' वकील की सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अकबर और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज करने के लिए 31 अक्तूबर की सुनवाई तय की है। उन्होंने आगे कहा, '40 सालों में उन्होंने जो अपनी छवि बनाई थी उसे काफी क्षति पहुंची है।'

बता दें कि पत्रकार तुषिता मेहता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था, ‘1990 के दशक में अकबर ने होटल के एक कमरे में मुझे बुलाया था। उस समय वह टेलीग्राफ के संपादक थे और मैं ट्रेनी थी। मेरी उम्र 22 साल थी। हैदराबाद में डेक्कन क्रोनिकल में काम करने के दौरान अकबर ने दो बार मेरा यौन शोषण किया।’ एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए लेख लिखने वाली कारोबारी स्वाति गौतम ने भी मंगलवार को ही आरोप लगाते हुए कहा था कि एक बार अकबर ने मुझे भी होटल के कमरे में बुलाया था। उस वक्त मैं कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ती थी और उन्हें बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने गई थी। उस समय वह केवल तौलिये में थे। मेरे कमरे में घुसते ही उन्होंने मेरी तरफ गिलास लुढ़काते हुए अपने लिए ड्रिंक बनाने को कहा। शुरू में तो मैं अवाक रह गई लेकिन तत्काल संभली और झुकते हुए गिलास उनकी तरफ लुढ़का दिया। उन पर कड़ी नजर डालते हुए उस कमरे से बाहर निकल गई।


- कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यौन शोषण के आरोपों से घिरे एमजे अकबर के विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने को 'सच की ताकत की जीत' करार दिया और कहा कि वह उन महिलाओं को सलाम करती है जिन्होंने आवाज उठाई थी।

- कई शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों ने भी तत्काल उनके इस्तीफे का स्वागत किया। मानहानि का मुकदमा झेल रही महिला पत्रकार ने अकबर के इस्तीफ को 'सच्चाई की जीत' बताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'एम जे अकबर के इस्तीफे से महिलाओं के रूप में हम सही साबित हुए है। मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे अदालत में न्याय मिलेगा।'

- अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री के पद से एमजे अकबर का इस्तीफा देश में चल रहे 'मीटू' आंदोलन की बड़ी जीत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह इस्तीफा देर से आया है और नरेंद्र मोदी सरकार ने चेहरा बचाने की कोशिश में यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा- 'अकबर का इस्तीफा पहले हो जाना चाहिए था। यह देर से आया इस्तीफा है।

- वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा,'अकबर का इस्तीफा ही पर्याप्त नहीं है और उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया को शुरू किया जाना चाहिए।'

- द एशियन एज अखबार की रेजिडेंट एडिटर सुपर्णा शर्मा ने कहा कि वह इस्तीफे का स्वागत करती है। उन्होंने कहा,'यह हमारे लिए बड़ा क्षण है। आरोपों की पुष्टि होती है। हालांकि उनके दिल्ली पहुंचते ही यह कदम उठाया जाना चाहिए था, लेकिन अब कम से कम शक्ति असंतुलन नहीं होगा और यह सरकार और रमानी के बीच लड़ाई नहीं होगी।'

- समाजवादी पार्टी (सपा) ने अकबर के इस्तीफे को देर से उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरोप लगने के तुरंत बाद उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर देना चाहिये था। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, 'लोकतंत्र में लोकलाज का महत्वपूर्ण स्थान है। लोकलाज के बिना 'लोकराज' नहीं चलता है। देर से दिया गया अकबर का इस्तीफा यह साबित करता है कि भाजपा सरकार ने लोकलाज भी त्याग दी है।'

- भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने 'मी टू' अभियान को लेकर यहां मीडिया के सवाल पर कहा, 'मेरी पार्टी के अनेक नेताओं ने इस मामले में पहले ही बयान दे दिया है। भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, 'अकबर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। तमाम आरोपों की जांच होगी।

​- कांग्रेस की एक और नेता रागिनी नायक ने कहा, 'एमजे अकबर का देर से आया इस्तीफा उन महिलाओं की ओर से लगातार बनाए गए दबाव का परिणाम है, जिन्होंने अपनी भयावह और असहज करने वाली कहानियां साझा की थीं। यह मी टू अभियान पर कांग्रेस पार्टी के रुख की भी अभिपुष्टि है।' उन्होंने कहा, 'आखिरकार कई महिलाओं के साथ गलत व्यवहार के आरोपी अकबर ने इस्तीफा दे दिया है तो ऐसे में क्या प्रधानमंत्री बोलने की हिम्मत करेंगे?'

- प्रिया रमानी का समर्थन करने वाली मीनल बघेल ने अकबर के पद त्याग को लंबे समय से बकाया बताया, जबकि लेखिका किरण मनराल ने कहा कि न्याय के लिए उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है। मुंबई मिरर की संपादक बघेल ने एक कहा, 'यह अच्छा काम है और हम इसका स्वागत करते हैं। इस्तीफा पहले ही हो जाना चाहिए था।

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