लखनऊ विवेक हत्याकांड : पुलिस अंकल! आप गाड़ी रोकेंगे तो पापा रुक जाएंगे, प्लीज गोली मत मारियेगा...
By: Priyanka Maheshwari Mon, 01 Oct 2018 00:05:58
"पुलिस अंकल! आप गाड़ी रोकेंगे तो पापा रुक जाएंगे, प्लीज गोली मत मारियेगा"। लखनऊ में एप्पल कंपनी के रीजनल मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद बच्चों की ऐसी अपील वाले पोस्टर यूपी में तमाम लोगों ने अपनी कारों पर चिपका लिए हैं। बता दे, विवेक को पुलिस वालों ने इसलिए गोली मार थी, क्योंकि उन्होंने पुलिस के दो सिपाहियों के कहने पर अपनी कार नहीं रोकी थी। विवेक की दो छोटी बच्चियां हैं। कई जगह तमाम लोग इन पोस्टरों को उठाये हुए अपने बच्चों की तस्वीर भी सोशल साइट्स पर पोस्ट कर रहे हैं।
पढ़िए पूरा घटनाक्रम...
गोमतीनगर विस्तार में सीएमएस स्कूल के पास शुक्रवार रात करीब डेढ़ बजे एक कार खड़ी थी। उसी दौरान बाइक से गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत चौधरी और एक अन्य सिपाही वहां पहुंचे। दोनों ने कार में एक युवक और युवती को देखा तो मामला संदिग्ध समझ उनसे पूछताछ के लिए कार के पास पहुंचे। इतने में ही कार चला रहे मैनेजर विवेक तिवारी ने गाड़ी बढ़ा दी। पुलिस का कहना है कि उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो विवेक ने कार चढ़ाने की कोशिश की। इससे सिपाहियों को चोटें भी आई और उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस पर भी जब कार नहीं रुकी तो सिपाही प्रशांत चौधरी ने फायरिंग कर दी। गोली सीधे विवेक के सिर में लगी। उसके बाद कुछ दूरी पर गाड़ी एक दीवार से टकराकर रुक गई। विवेक के साथ कार में बैठी उनकी कंपनी की कर्मचारी सना ने बताया कि विवेक के सिर से खून बहता देख उसने मदद के लिए गुहार लगाई। कुछ देर बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। तत्काल विवेक को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
पत्नी कल्पना ने पूछा सीएम योगी से सवाल
वहीं इस मामले में मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना का कहना है कि मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ये पूछना चाहती हूं कि मैं अपनी बेटियों का भविष्य 25 लाख रुपये में कैसे सुरक्षित करुंगी। कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। मृतक की पत्नी ने पुलिस विभाग में नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ने दिया मदद का भरोसा
उधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेक तिवारी की पत्नी से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से अपनी संवेदनाएं जाहिर की। उन्होंने मृतक विवेक तिवारी की पत्नी से कहा कि परिवार को जिस किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत होगी, सरकार उसे मुहैया कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार जब कभी भी चाहेगा उनसे मिल सकता है।
संदिग्ध स्थिति में लिया एक्शन
इस मामले में पुलिस का कहना है कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था। गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने कहा कि तिवारी ने वहां से कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, इसी क्रम में पहले उसने पहले पुलिस की पेट्रोलिंग वाली बाइक में और फिर बाद में दीवार को भी टक्कर मारी।
ख़बर ये भी है कि पुलिस ने विवेक की महिला मित्र को उसके घर में ही नज़रबंद कर दिया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लखनऊ के पुलिस कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गोली चलाने की नौबत क्यों आई। लखनऊ पुलिस का कहना है कि कॉन्स्टेबल ने आत्म-रक्षा के लिए गोली चलाई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी कॉन्स्टेबल को लगा कि कार के भीतर शायद अपराधी हो सकते हैं।