भारत ने रचा इतिहास, लॉन्च हुआ 'चंद्रयान-2', चांद तक पहुंचने में लगेंगे 48 दिन
By: Pinki Mon, 22 July 2019 3:00:49
भारतीय अंतिरक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 22 जुलाई, 2019 को दोपहर 2:43 मिनट पर अंतरिक्ष की दुनिया में ऊंची छलांग लगाई है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को लॉन्च कर भारत ने दुनिया को अपने दमखम का परिचय दिखाया है। चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 KM. की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में यान को कुल 48 दिन लगेंगे। इससे 20 घंटे पहले जब 'चंद्रयान-2' मिशन का काउंटडाउन शुरू हुआ था तब से इसरो समेत पूरा इंडिया इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बेताब था।
#ISRO#GSLVMkIII-M1 lifts-off from Sriharikota carrying #Chandrayaan2
— ISRO (@isro) July 22, 2019
Our updates will continue. pic.twitter.com/oNQo3LB38S
पहले ये लॉन्चिंग 15 जुलाई को होनी थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसे अंतिम समय में टाल दिया गया था। चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में 48 दिन ही लगेंगे। यानी चंद्रयान-2 चांद पर 6 या 7 सितंबर को ही पहुंचेगा। इसरो वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 को पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाले चक्कर में कटौती होगी। संभवतः अब चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 के बजाय 4 चक्कर ही लगाए। इस मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चेयरमैन डॉ. के सिवन के मुताबिक, 'चंद्रयान-2 के लिए चांद पर लैंडिंग से पहले के 15 मिनट सबसे अहम हैं। उस दौरान हम ऐसा कुछ करेंगे, जिसे हमने अभी तक कभी किया नहीं है।' ISRO चीफ के मुताबिक, 'चंद्रमा की सतह से 30 किलोमीटर दूर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के लिए इसकी स्पीड कम की जाएगी। ऐसे में विक्रम को चांद की सतह पर उतारने का काम काफी मुश्किल होगा। इस दौरान 15 मिनट काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाले होंगे। हम पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। तनाव के ये पल सिर्फ ISRO ही नहीं, बल्कि सभी भारतीयों के लिए होंगे।' सिवन ने बताया कि भारत जैसे ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह विशेषज्ञता है।