कठुआ रेप-मर्डर केस : न्याय दिलाने में रही इनकी अहम भूमिका, जान से मारने की मिल चूकी थी धमकियां

By: Pinki Mon, 10 June 2019 5:21:20

कठुआ रेप-मर्डर केस : न्याय दिलाने में रही इनकी अहम भूमिका, जान से मारने की मिल चूकी थी धमकियां

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए 7 आरोपियों में से 6 को दोषी करार दिया है। मुख्य आरोपी सांझीराम के बेटे एवं सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है। इनमें से तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, उनमें सांझी राम, दीपक खजुरिया और परवेश शामिल हैं। तीन पुलिसवालों को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इस केस में तीनों पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 201 (सबूत मिटाने) का दोषी करार दिया है। इसमें अधिक से अधिक 3 साल की सजा होती है। वहीं, मुख्य आरोपी सांझी राम पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (रेप), 328 (अपराध करने के आशय से जहर या नशीला पदार्थ खिलाना), 343 (तीन या उससे अधिक दिनों के लिए बंदी बनाए रखना) लगाई गई हैं। पीड़िता के परिवार के वकील फारुकी खान ने कहा, ‘‘अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया है। एक आरोपी, सांझीराम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है।''

कठुआ गैंगरेप मामले में एक नाम ऐसा है जिन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वो हैं वकील दीपिका सिंह राजावत। वो कठुआ गैंगरेप मामले में पीड़िता की वकील थीं, हालांकि पिछले साल पीड़िता के परिवार ने उनसे केस वापस से लिया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दे दिया है।' फैसला आने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर की।

जान से मारने की मिली धमकियां

वकील दीपिका सिंह राजावत ने बताया था कि जब से वह मामले से जुड़ीं तब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिली। मामले में अगुवाई करने की घोषणा के बाद राजावत ने अखबारों की सुर्खियां बटोरी थीं। इसी बीच उनकी एक फोटो वायरल हुई थी। उनकी इस फोटो को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया गया था।

धमकियों और बायकॉट के बावजूद दीपिका न्‍याय के लिए लड़ीं

जम्‍मू बार एसोस‍िएशन ने दीपिका पर केस छोड़ने का काफी दबाव बनाया था। इसके बावजूद वो डटी रहीं। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई से पहले मीडिया के सामने कहा भी था, 'मेरा बलात्‍कार भी हो सकता है। मेरा कत्‍ल भी किया जा सकता है और शायद वे मुझे कोर्ट में प्रैक्टिस ही न करने दें। उन्‍होंने मुझे अलग-थलग कर दिया है। मुझे नहीं पता मैं कैसे रह पाऊंगी।' धमकियों और बायकॉट के बावजूद दीपिका न्‍याय के लिए लड़ीं।


इन 6 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है:

- ग्राम प्रधान सांजी राम (मुख्य आरोपी)

- स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया,

- रसाना गांव परवेश दोषी,

- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तिलक राज,

- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता,

- पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार

बता दें कि शुरुआत में इस मसले को जम्मू कोर्ट में सुना गया लेकिन बाद में पठानकोट कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई जहां पर आज इसका फैसला सुनाया गया।

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