2005 से 2012 तक शांत था कश्मीर, उसके बाद स्थिति खराब हो गई, विचार हो ऐसा क्यों हुआ : वीके सिंह

By: Priyanka Maheshwari Tue, 19 Feb 2019 10:04:24

2005 से 2012 तक शांत था कश्मीर, उसके बाद स्थिति खराब हो गई, विचार हो ऐसा क्यों हुआ : वीके सिंह

पुलवामा (Pulwama) में आतंकियों के साथ मुठभेड़ की घटना पर सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह (V.K. Singh) ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा सामान्य नहीं है। यह छद्म युद्ध का मामला है। यह ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए चीजें से पहले से की जानी चाहिए थीं। एक घटना के आधार पर किसी नीति की सफलता या विफलता का आकलन न करें। सोमवार को आतंकियों से हुई मुठभेड़ में एक मेजर समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि सेना ने जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। वीके सिंह ने कहा एक घटना के आधार पर ही किसी नीति की सफलता या विफलता का आकलन नहीं करना चाहिए। यह मुठभेड़ थी, जहां एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए। इसका यह मतलब नहीं कि स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने कहा, 'यही दक्षिण कश्मीर 2005-2012 में बहुत शांतिपूर्ण था। 2012 के बाद की घटनाओं में वृद्धि का क्या कारण है। क्या आपने इसका विश्लेषण किया है? ऐसा क्यों हुआ?' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक गठबंधन सरकार सत्ता में आई। जिसमें एक के पास घाटी में व्यापक समर्थन रहा तो दूसरे के पास जम्मू में। लिहाजा पूर्ववर्ती नीतियों की भी समीक्षा करने की जरूरत है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या नीतियों की समग्र विफलता या फिर कुछ गलतियों के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला?

पत्थरबाजों पर वीके सिंह ने कहा, 'कुछ युवाओं को पत्थर फेंकने के लिए भुगतान किया जा रहा है, कुछ युवा वाहनों पर खड़े होकर चिल्लाते हैं, 'हम क्या कह सकते हैं, आजादी' ये कश्मीर के पूरे युवाओं की भावना को नहीं दर्शाता है। एक बड़ा काम वहां किया जा रहा है, हां और अधिक किया जा सकती है।'

उन्होंने कहा, 'युवा पहले भी व्यस्त थे, भविष्य में भी होंगे। कश्मीर में कई काम किए जाने की आवश्यकता है और कई काम किए जा रहे हैं। कुछ सफल हुए हैं, कुछ नहीं। मैं सकारात्मक हूं कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से देखा जाए।'

बीजेपी-पीडीपी के गठबंधन पर वीके सिंह ने कहा, 'गठबंधन सरकार बाद में आई जब एक पार्टी को घाटी में अधिक समर्थन मिला, दूसरे को जम्मू में अधिक समर्थन मिला। पूर्व की नीतियों का विश्लेषण करना आवश्यक है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या नीतियां एक समग्र विफलता थी या कुछ की गलतियों ने बढ़ावा दिया आतंकवादियों को।'

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बता दे, गुरुवार को पुलवामा आतंकी हमले के बाद सोमवार को आतंकियों से हुई मुठभेड़ में एक मेजर समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि सेना ने जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। यह मुठभेड़ उस जगह से कुछ ही दूरी पर हुई , जहां तीन दिन पहले 14 फरवरी को सीआरपीएफ की एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के पिंगलान इलाके में हुई मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों को 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने रात में इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने बलों पर गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में जो जवान शहीद हुए हैं वह 55 राष्ट्रीय राइफल के हैं। शहीद होने वालों में मेजर वीएस ढौंडियाल, हवलदार श्योराम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरि सिंह शामिल हैं।एएनआई के मुताबिक बीती रात पाकिस्तान ने पुंछ सेक्टर में सीज फायर का उल्लंघन भी किया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ से पीओके के रावलकोट तक जाने वाले बस सेवा को भी सोमवार को लिए रोक दिया गया है।

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