जामिया हिंसा : इंडिया गेट के सामने सड़क पर धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी
By: Pinki Mon, 16 Dec 2019 4:48:41
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों और पुलिस के बीच विवाद का मामला अब राजनेतिक तूल पकड़ता जा रहा है। छात्रों से मारपीट के विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इंडिया गेट के सामने सड़क पर ही धरने पर बैठ गई हैं। वह अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ शाम छह बजे तक दो घंटे के लिए सांकेतिक धरने पर बैठेंगी। प्रियंका गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, अहमद पटेल और पार्टी के अन्य नेता भी धरने पर बैठे हैं। इस बीच खबर है कि तीन मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। डीएमआरसी के मुताबिक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन मेट्रो के एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया है। साथ ही पटेल चौक और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो नहीं रुकेगी।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है। उन्होंने (पुलिस) ने विश्वविद्यालय में प्रवेश कर छात्रों पर हमला किया। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सरकार देश के युवाओं और छात्रों के अधिकारों पर हमला कर रही है। इस वजह से प्रियंका गांधी वाड्रा अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ इंडिया गेट पर शाम चार बजे से दो घंटे के लिए सांकेतिक धरने पर बैठेंगी।
Delhi: Priyanka Gandhi Vadra, KC Venugopal, AK Antony, PL Punia, Ahmed Patel, & other Congress leaders sit on a symbolic protest near India Gate over police action during students' protests in Jamia Millia Islamia (Delhi) & Aligarh Muslim University. pic.twitter.com/0E1ske0pGf
— ANI (@ANI) December 16, 2019
पीएम की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसक प्रदर्शन करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चर्चा और विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। इस कानून से किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। इसपर उन्होंने लगातार पांच ट्वीट किए।
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसक विरोध बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद हैं। बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र के आवश्यक अंग हैं लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जीवन में अशांति फैलाना हमारे स्वभाव का हिस्सा नहीं है।'
दूसरे ट्वीट में कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को संसद के दोनों सदनों ने भारी समर्थन से पास किया है। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके लागू होने के लिए समर्थन किया है। यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है।'
तीसरे ट्वीट में लिखा, 'मैं अपने साथी भारतीयों को स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता कानून भारत के किसी नागरिक या किसी धर्म को प्रभावित नहीं करता है। किसी भी भारतीय को इस कानून को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें बाहर अत्याचार का सामना करना पड़ा और जिनके पास भारत को छोड़कर कोई और जगह नहीं है।'
चौथे ट्वीट में लिखा, 'समय की मांग यह है कि हम सभी को साथ मिलकर देश के विकास और हर भारतीय को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहिए। खासतौर से गरीब, दलित और हाशिए पर पहुंचे हुए लोगों के लिए। हम निहित स्वार्थी समूहों को हमें विभाजित करने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते।'
पांचवे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है। मेरी आप सभी से अपील है कि हर तरह की अफवाह फैलाने वालों और झूठ से दूर रहें।'