चंद्रयान-3, गगनयान और थुथुकुडी में बनेगा नया स्पेस पोर्ट, इसरो चीफ के सिवन ने बताई 2020 की पूरी योजना
By: Pinki Wed, 01 Jan 2020 12:37:13
इसरो चीफ के सिवन ने नए साल पर देशवासियों के सामने 2019 की उपलब्धियां और 2020 के टारगेट को बताया। साल 2020 में गगनयान और चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के थुथुकुडी में नया स्पेस पोर्ट बनेगा। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है। यह अभी सात साल तक काम करता रहेगा। दुनिया में जीपीएस सिस्टम को मान्यता देने वाली संस्था 3-जीपीपीपी ने हमारे नाविक पोजिशनिंग सिस्टम को मान्यता दे दी है। इसलिए जल्द ही देश के सभी मोबाइल में अपना पोजिशनिंग सिस्टम होगा। इसके साथ ही इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के जरिए हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की है।
इसरो चीफ के। सिवन ने कहा कि चंद्रयान-3 को सरकारी अनुमति मिल गई है और इसपर काम शुरू हो चुका है। चंद्रयान-3 एकदम चंद्रयान-2 जैसा होगा। लेकिन इसबार सिर्फ लैंडर-रोवर और प्रोपल्शन मॉडल होगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं भेजेंगे, क्योंकि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से इसमें मदद ली जाएगी। बता दें कि इसरो के चंद्रयान-2 मिशन की भारत ही नहीं दुनियाभर में काफी चर्चा हुई थी।
Indian Space Research Organisation Chief K Sivan: Government has approved Chandrayan-3, the project is ongoing. pic.twitter.com/KcJVQ1KHG7
— ANI (@ANI) January 1, 2020
इसरो चीफ के सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर बहुत तेज गति होने की वजह से सही नेवीगेट (दिशा और रास्ता) नहीं कर पाया और इसकी वजह से हार्ड लैंडिंग हुई। ये गलत आरोप लगाया जा रहा है कि चंद्रयान-2 की असफलता की वजह से अन्य सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग में देरी हुई है। ऐसा नहीं है। सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए रॉकेट्स बनाने होते हैं। जैसे ही हमारे पास रॉकेट होता है हम लॉन्चिंग कर देते हैं। लेकिन, मार्च तक हम वो सारे सैटेलाइट्स लॉन्च कर देंगे जो 2019 के अंत तक तय किए गए थे।
सिवन ने बताया कि 2019 में गगनयान प्रोजेक्ट पर काफी काम हुआ है। 2020 में हम चुने गए 4 एस्ट्रोनॉट्स को ट्रेनिंग देंगे। एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग रूस में होगी। उन्होने कहा कि गगनयान के लिए नैशनल अडवाइजरी कमिटी बनाई गई है।