भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद चली गोली, चीनी सेना का दावा- भारतीय सैनिकों ने LAC क्रॉस की, फायरिंग भी की
By: Pinki Tue, 08 Sept 2020 08:41:39
भारत और चीन की सीमा पर मई से जारी तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है। सोमवार देर रात पैंगॉन्ग त्सो (Pangong Tso) झील पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है। हालांकि, इस फायरिंग में किसी को निशाना नहीं बनाया गया। ऐसे में जहां दोनों देश बातचीत से मसला सुलझाने की बात कर रहे हैं, तब LAC पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। चीन की सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' ने भारतीय सैनिकों पर पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया है। हालांकि, सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र में पहले फायरिंग की गई, जिसके बाद भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई हुई। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया गया है।
Chinese border defense troops were forced to take countermeasures to stabilize the situation after the #Indian troops outrageously fired warning shots to PLA border patrol soldiers who were about to negotiate, said the spokesperson. https://t.co/wwZPA6BMDA
— Global Times (@globaltimesnews) September 7, 2020
क्या हुआ बीती रात को?
लद्दाख सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। काला टॉप और हेल्मेट टॉप समेत पैंगोंग इलाके के कई हिस्सों में भारतीय सेना का कब्जा है, जो रणनीतिक तौर पर काफी अहम है। यही कारण है कि चीन की सेना बौखला गई है। इसी बौखलाहट में चीनी सेना सोमवार की रात को बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगी। इसी दौरान भारतीय सेना की ओर से वार्निंग शॉट (चेतावनी के लिए हवा में फायरिंग) दागे गए, जिसके बाद चीनी सेना के जवान पीछे हट गए। चीनी सेना की ओर से भी गोलीबारी की गई, जिसका फिर भारतीय सेना ने जवाब दिया। हालांकि, कुछ देर की फायरिंग के बाद हालात काबू में हैं।
आपको बता दें कि 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन और भारत की सीमा पर गोली चली हो। इससे पहले दोनों देशों ने गोली ना चलाने और किसी की जान ना गंवाने को लेकर समझौता किया था। लेकिन बीते 15 जून को भारत के 20 जवान शहीद हुए और अब गोली चल गई।
चीनी रक्षा मंत्रालय, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली की ओर से एलएसी पर ताजा हालात को लेकर बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय सैनिकों की ओर से कथित 'उकसावे' की कार्रवाई की गई, जिससे चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई हुई।
हाल ही दिनों में देखें तो इससे पहले 31 अगस्त की रात को भी फायरिंग की बात सामने आई थी। तब चीनी सेना ने पैंगोंग इलाके के पास से भारतीय सेना को हटाने के लिए फायरिंग की थी, हालांकि वो किसी तरह की आक्रामक फायरिंग नहीं थी।
चीन की ओर से क्या कहा गया?
बीती रात को हुई इस घटना पर चीन ने एक बार फिर भारत पर ही आरोप लगा दिया है। चीनी सेना की ओर से बयान में कहा गया कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार किया गया। इसी दौरान भारत ने चीनी सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किया, ऐसे में चीनी सेना को इसका जवाब देना पड़ा।
इससे पहले भी चीनी सेना की ओर से 29-30 अगस्त की रात, 31 और 1 तारीख को घुसपैठ की कोशिश की गई थी। हालांकि, हर बार ये कोशिश सफल नहीं हो पाई, उल्टा भारतीय सेना ने पैंगोंग इलाके के पास अहम जगहों पर अपना कब्जा कर लिया।
ये घटना तब हुई है जब दो दिन पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच मॉस्को में मुलाकात हुई थी। चीन की घुसपैठ को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने फिर यथास्थिति का उल्लंघन किया है। 29 अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया। हमारी सेना बातचीत के जरिए शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना जानते हैं।
चीन ने लगाया भारत पर आरोप
चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड ने आरोप लगाया था कि दोनों देशों के बीच जो सहमति बनी थी, भारत उसका पालन नहीं कर रहा है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि भारत की ओर से तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि उसकी तरफ से भड़काने वाली कार्रवाई हो रही है। भारतीय सैनिक लगातार एलएसी क्रॉस कर रहे हैं।
बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते 5 जून को गलवान घाटी में बड़ी हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी भारी नुकसान हुआ था। अंतराराष्ट्रीय मीडिया में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 से 40 सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीन ने अब तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई।