जरुरी जानकारी!! अगर रखते है एक से ज्यादा बैंक खाता, तो संभल जाएं, उठाना पड़ सकता है नुकसान
By: Priyanka Maheshwari Sun, 10 Feb 2019 09:25:08
नौकरीपेशा लोग अक्सर 2 या अधिक बैंक अकाउंट रखते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, वह है एक उनका सैलरी अकाउंट और दूसरा उनका पर्सनल सेविंग अकाउंट। बड़ी संख्या में लोग बिना जरूरत के भी दो अकाउंट खुलवा लेते हैं और बाद में इसे मेंटेन नहीं कर पाते हैं। सेविंग अकाउंट में बैंक की ओर से मिनिमम बैलेंस रखने का प्रावधान होता है। ऐसा ना करने पर पेनल्टी देनी पड़ती है। आज हम आपको बता रहे हैं एक से ज्यादा अकाउंट खोलने पर आपको कैसे उसका नुकसान उठाना पड़ता है।
ये होंगे नुकसान- यह तो हम सभी जानते है कि सेविंग अकाउंट में बैंक की ओर से मिनिमम बैलेंस रखने का प्रावधान होता है। कई बैंकों में मिनिमम बैलेंस की सीमा 10,000 रुपए है। ऐसे में अगर दो से ज्यादा अकाउंट मेंटेन करते है तो आपको टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि आम आदमी के लिए सेविंग अकाउंट में 20,000 रुपए जमा रखना काफी मुश्किल है। ऐसा न करने पर बैंक आपसे पेनल्टी वसूलता है।
भरने होते हैं ये एक्स्ट्रा चार्जेज: कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं। क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है। तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान उठाना पड़ता है।
बस 4 से 5 फीसदी मिलता है इंटरेस्ट: आपके सेविंग अकाउंट में राशी पर ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न मिलता है। एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको कम ब्याज के रूप में भी नुकसान उठाना पड़ता है। यानी एक से ज्यादा अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट बैंकों में फंस जाता है। अगर आप इसी पैसे को किसी और योजनाओं में लगाते है तो आपको सालाना रिटर्न मिल सकता है।
इनकम टैक्स फाइल करने में होती है परेशानी: ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कागजी कार्रवाई में भी अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है। साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है। अक्सर उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है।