सरकार ने दी लोगो को चेतावनी - सावधान!, डूब सकता है बिटकॉइन में लगाया पैसा
By: Priyanka Maheshwari Mon, 01 Jan 2018 3:38:03
बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी न तो कोई सिक्का है और न ही कोई मुद्रा। यह बिल्कुल पोंजी स्कीम की तरह है। अगर आप ने भी बिटकॉइन की बढ़ती वैल्यू को देखते हुए इसमें निवेश शुरू किया है, तो सतर्क हो जाएं। सरकार या रिजर्व बैंक ने किसी भी वर्चुअल करेंसी को मान्यता नहीं दी है, इसलिए इनमें पैसा न लगाएं। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इसमें निवेश होने वाले धन का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग, तस्करी और मनी लांड्रिंग जैसे गैर-कानूनी कामों के लिए हो सकता है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में एक वक्तव्य जारी कर कहा कि वर्चुअल करेंसी वैध नहीं है। भारत में सरकार या किसी भी नियामक ने किसी भी एजेंसी को वर्चुअल करेंसी के लिए लाइसेंस नहीं दिया है। जो लोग इसका लेन-देन कर रहे हैं उन्हें इसके जोखिम के बारे में सजग रहना चाहिए। वित्त मंत्रालय का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब रिजर्व बैंक पहले ही तीन बार निवेशकों को वर्चुअल करेंसी के बारे में आगाह कर चुका है।
सरकार ने लोगों को चेताते हुए कहा है कि इस तरह की पॉन्जी स्कीमों से दूर रहें। वर्चुअल करंसी को डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जा सकता है। इसकी वजह से इसके हैक होने, पासवर्ड खोने या फिर मालवेयर अटैक का खतरा बना रहता है, जिसकी वजह से निवेशक अपना धन गंवा भी सकते हैं।
मिनस्ट्री ने कहा, "वर्चुअल करंसी को सरकार की तरफ से कोई सपोर्ट नहीं है। बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसी का लीगल टेंडर भी नहीं है। इसलिए, यह कोई करंसी नहीं है। इसे कॉइन (सिक्के) की तरह भी बताया जा रहा है हालांकि इन सिक्कों की कोई फिजिकल वैल्यू नहीं है। इसलिए वर्चुअल करंसी न तो करंसी है, न ही सिक्के। सरकार या रिजर्व बैंक ने किसी भी वर्चुअल करंसी में लेनदेन की अनुमति नहीं दी है। वहीं, सरकार या देश के किसी भी रेग्युलेटर ने किसी भी एजेंसी को एक्सचेंज के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस नहीं दिया है।"
आखिर पोंजी स्कीम क्या है ?
पोंजी स्कीम से आशय ऐसे फर्जी निवेश ऑपरेशन से है, जिसमें ऑपरेटर पुराने निवेशकों को रिटर्न नए निवेशकों से प्राप्त धनराशि से देता है। यह ऐसी स्कीम होती है जिसमें वास्तव में कोई कारोबार या किसी व्यवसायिक गतिविधि में पैसा नहीं लगाया जाता, बल्कि कुछ व्यक्तियों से पैसा इकठ्ठा कर एक व्यक्ति को रिटर्न के रूप में दे दिया जाता है। इस तरह यह एक चेन बन जाती है जिसमें ज्यादातर लोगों का पैसा डूब जाता है। इटली का एक व्यवसायी चार्ल्स पोंजी ऐसी ही स्कीम चलाकर लोगों का पैसा हजम करता था। इसी के नाम पर पोंजी स्कीम का नामकरण हुआ।