पुलवामा का बदला लिया जाएगा, जवाब देने के लिए समय और जगह का चयन करना होगा : वीके सिंह
By: Priyanka Maheshwari Tue, 19 Feb 2019 09:47:41
पुलवामा (Pulwama) में आतंकियों के साथ मुठभेड़ की घटना पर सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह (V.K. Singh) ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terrorist Attack) के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग थलग पड़ गया है। उन्होंने कहा कि 40 से अधिक देशों ने पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ कड़े बयान जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी विदेश और कूटनीतिक नीति की बड़ी सफलता है क्योंकि मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद भारत को समर्थन देने वाले देशों की संख्या की तुलना में अभी समर्थन करने वाले देशों की संख्या अधिक है।
सिंह ने कहा, 'भारत सीआरपीएफ के काफिले पर हाल ही में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए समय और जगह का चयन करेगा क्योंकि इसे पूरी तरह योजनाबद्ध और सोचा समझा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल किस तरह की योजना बना रहे हैं वह उनके संज्ञान में तो नहीं है पर सफलता पाने के लिए कोई युद्ध, युद्ध जैसी या दंडात्मक कार्रवाई की योजना निश्चित ही होनी चाहिए। यह पूरी तरह ठंडे दिमाग से बने और साथ ही जल्दबाजी से बचना होगा।'
सिंह ने कहा कि यहां तक कि ओसामा बिन लादेन को भी एक दिन में ही नहीं मार दिया गया जबकि अमेरिका जानता था कि वह पाकिस्तान में छिपा है। हमें भी 'देखो और इंतजार करो' पर अमल करना होगा और सुरक्षा बलों को समर्थन देना होगा। इस हमले को लेकर खुफिया एजेंसियों की विफलता के आरोप और कुछ लोगों की अंदरूनी मिलीभगत पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे मामले का विश्लेषण किया जा रहा है और उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के समर्थन की आवशयकता है।
वही वीके सिंह ने यह भी कहा कि दक्षिण कश्मीर में 2005 से 2012 के बीच शांति थी। मगर 2012 के बाद वहां क्यों अशांति फैल रही है, क्या आपने इसका विश्लेषण किया। आखिर क्या ऐसा हुआ? उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक गठबंधन सरकार सत्ता में आई। जिसमें एक के पास घाटी में व्यापक समर्थन रहा तो दूसरे के पास जम्मू में। लिहाजा पूर्ववर्ती नीतियों की भी समीक्षा करने की जरूरत है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या नीतियों की समग्र विफलता या फिर कुछ गलतियों के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला?
बता दे, गुरुवार को पुलवामा आतंकी हमले के बाद सोमवार को आतंकियों से हुई मुठभेड़ में एक मेजर समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि सेना ने जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। यह मुठभेड़ उस जगह से कुछ ही दूरी पर हुई , जहां तीन दिन पहले 14 फरवरी को सीआरपीएफ की एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के पिंगलान इलाके में हुई मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों को 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने रात में इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने बलों पर गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में जो जवान शहीद हुए हैं वह 55 राष्ट्रीय राइफल के हैं। शहीद होने वालों में मेजर वीएस ढौंडियाल, हवलदार श्योराम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरि सिंह शामिल हैं।एएनआई के मुताबिक बीती रात पाकिस्तान ने पुंछ सेक्टर में सीज फायर का उल्लंघन भी किया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ से पीओके के रावलकोट तक जाने वाले बस सेवा को भी सोमवार को लिए रोक दिया गया है।