तीसरी बार टली निर्भया के दोषियों की फांसी, रद्द हुआ डेथ वारंट

By: Pinki Mon, 02 Mar 2020 6:09:59

तीसरी बार टली निर्भया के दोषियों की फांसी, रद्द हुआ डेथ वारंट

निर्भया के चारों दोषियों को कल 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी। लेकिन अब इन की फांसी एक बार फिर टल गई है। यह तीसरी बार है जब इन चारों की फांसी टली है। चारों दोषियों में से एक पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। आज ही पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की है, तो साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट पर रोक लगाने की अक्षय और पवन की याचिका खारिज कर दी। दो झटकों के बाद निर्भया के वकील एपी सिंह ने अब आखिरी दांव चला। दोपहर में पवन की ओर से दया याचिका राष्ट्रपति के पास दी और इसके तुरंत बाद डेथ वॉरंट पर रोक लगाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी लगाई गई है, जहां फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

जज ने क्यूरेटिव और दया अर्जियां दायर करने में इतनी देरी करने के लिए दोषी के वकील की खिंचाई की। पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने एक दया अर्जी दायर की है और फांसी की तामील पर रोक लगनी चाहिए। अदालत ने उसके बाद उनसे कहा कि वह अपने मामले की जिरह के लिए दोपहर लंच के बाद आएं। लंच के बाद की सुनवाई के दौरान अदालत ने सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, 'आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए। किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं।'

निर्भया की मां ने जताई नाराजगी

निर्भया की मां आशा देवी ने कोर्ट के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है। निर्भया की मां का कहना है कि कोर्ट क्यों अपने ही फैसले को लागू करने में इतना वक्त ले रहा है। दोषियों को फांसी क्यों नहीं हो रही है। दोषियों की फांसी तीसरी बार भी टाल दी गई है। दोषियों को होने वाली फांसी का लगातार टलना हमारे सिस्टम की विफलता है। हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों को सपोर्ट करता है।

2012 में निर्भया संग हुई बर्बरता

मामला दिसंबर 2012 में राष्ट्रीय राजधानी में एक 23 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या से संबंधित है, जिसे बाद में निर्भया नाम दिया गया। इस मामले में एक किशोर सहित 6 लोगों को आरोपी बनाया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले में मुकदमा शुरू होने के बाद तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। किशोर को 2015 में सुधारगृह में तीन साल बिताने के बाद रिहा कर दिया गया था। अन्य चार दोषियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश कुमार को फांसी की सजा सुनाई गई है।

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