बिहार: पेश की अनोखी मिसाल, दो दिन की बच्ची के लिए शख्स ने तोड़ दिया रोजा
By: Priyanka Maheshwari Mon, 28 May 2018 4:18:24
इस समय पूरी दुनिया में मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान चल रहा है। इस महीने में मुस्लिमों को दिनभर खाने-पीने की मनाही होती है। ऐसे में एक शख्स ने दो दिन की बच्ची की जान बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया। बिहार में सांप्रदायिक हिंसा का शिकार माने जाने वाले दरभंगा जिले में एक युवक ने सांप्रदायिक सौहार्द की एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसे जानकर आप उस पर गर्व करेंगे।
दरअसल, दरभंगा के सीमा सुरक्षा बल एसएसबी जवान रमेश सिंह की दो दिन की बच्ची को खून की सख्त जरूरत थी। जब मोहम्मद अशफाक को इस बारे में पता चला तो वह बिना कुछ सोचे-समझे निकल पड़े। अशफाक ने कहा, 'मुझे लगा कि किसी की जान बचाना ज्यादा जरूरी है। जब मुझे पता चला कि वह एक सुरक्षाकर्मी की बेटी है तो इसने मुझे और भी ज्यादा प्रेरित किया।'
अशफाक ने बच्ची की जान बचाने के लिए अपना रोजा इसलिए तोड़ दिया क्योंकि खून देने से पहले कुछ खाना जरूरी होता है।
इससे पहले बिहार के ही गोपालगंज में जावेद आलम नाम के एक शख्स ने भी एक बच्चे की जान बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया था। उन्हें रोजा रखने की वजह से अस्पताल ने खून देने से मना कर दिया था। इसके बाद उन्होंने पहले रोजा तोड़ा और फिर बच्चे को खून दिया।
Darbhanga: Mohammad Ashfaq broke his 'roza' (fast observed during Ramzan) to donate blood for a 2-day old child of SSB jawan Ramesh Singh, says, 'I thought saving a life is more important, knowing that she is daughter of a security personnel motivated me more.' #Bihar (27.05.18) pic.twitter.com/c1YogDnCGG
— ANI (@ANI) May 28, 2018