राहुल गांधी ने PM पर फिर बोला हमला, 'आप रॉबर्ट वाड्रा, चिदंबरम की जांच कराइये, आप सबको कानून के दायरे में खींचिये लेकिन राफेल पर भी बोलिये'
By: Pinki Fri, 08 Feb 2019 12:35:41
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राफेल डील (Rafale Deal) को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) पर हमला बोला है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पीएम मोदी PM Modi) फ्रांस से सीधे डील कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएम ने देश की वायुसेना के हितों के साथ समझौता किया। राहुल (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री पर एयर फोर्स को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाकर अनिल अंबानी को इसका फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे पिछले एक साल से यह मुद्दा उठाते आ रहे हैं और अब समाचार-पत्र की रिपोर्ट से भी साफ है कि इस पूरे मामले में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री की भूमिका रही। उन्होंने कहा कि फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री ने भी माना कि इस डील के तहत अनिल अंबानी की कंपनी का चयन खुद प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर इस मामले में 'सफेद झूठ' बोलने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह पिछले दिनों गोवा में जब सीएम मनोहर पर्रिकर से मिले थे तो उनके बीच राफेल पर कोई चर्चा नहीं हुई और उनकी यह मुलाकात बस पर्रिकर का हाल जानने के लिए थी।
Congress President Rahul Gandhi: Defence Minister Nirmala Sitharaman lied as well. Former French President has admitted that he was made to choose Anil Ambani by PM Modi himself pic.twitter.com/IU5aYZiysS
— ANI (@ANI) February 8, 2019
Congress President Rahul Gandhi: PM Modi himself robbed Air Force's Rs 30,000 crore and gave it to Anil Ambani, we have been raising this since 1 year. Now a report has come where Defence Ministry officials say that PM was holding parallel negotiations with France Govt. #Rafale pic.twitter.com/76OPEVe3Vl
— ANI (@ANI) February 8, 2019
हालांकि, राफेल सौदे के वक्त रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार ने सफाई दी है कि पीएमओ को लिखे उनके असहमति पत्र में राफेल की कीमतों को लेकर कोई जिक्र नहीं था, इसमें अन्य गारंटियों और नियम-शर्तों को लेकर असहमति व्यक्त की थी।
राहुल ने कहा, 'मैं तो कहता हूं कि आप रॉबर्ट वाड्रा, चिदंबरम की जांच कराइये, आप सबको कानून के दायरे में खींचिये लेकिन लेकिन राफेल की जांच भी होनी चाहिए। राफेल पर भी बोलिये।' राहुल गांधी ने कहा, 'पीएम मोदी ने खुद एयर फोर्स के 30 हजार करोड़ रुपये लूट लिए और एक निजी कंपनी को दे दिए। हम एक साल से यह मुद्दा उठा रहे हैं। अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि पीएम मोदी फ्रांस सरकार से इस मुद्दे पर समानांतर चर्चा कर रहे थे।'
राहुल ने कहा कि मैं हिंदुस्तान के युवाओं, नेवी, आर्मी के लोगों से बात करना चाहता हूं। हिंदस्तान के प्रधानमंत्री ने 30 हजार चोरी कर के अनिल अंबानी को दिलवाया है। वायुसेना और डिफेंस मिनिस्ट्री के दस्तावेज कहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने फिर से कहा कि चौकीदार चोर हैं। यह पूरी तरह से स्पष्ट है।
#WATCH: Congress President Rahul Gandhi responds to PM Modi's allegation that Congress is weakening the Indian Air Force. pic.twitter.com/SglP51RQKN
— ANI (@ANI) February 8, 2019
द हिंदू की रिपोर्ट में क्या है:
रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस के साथ रफ़ाल सौदे की बातचीत में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल पर एतराज़ जताया था। अंग्रेज़ी अखबार द हिंदू की ख़बर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय तो सौदे को लेकर बातचीत कर ही रहा था, उसी दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय भी अपनी ओर से फ्रांसीसी पक्ष से बातचीत में लगा था। अखबार के मुताबिक 24 नवंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय के एक नोट में कहा गया कि PMO के दखल के चलते बातचीत कर रहे भारतीय दल और रक्षा मंत्रालय की पोज़िशन कमज़ोर हुई। रक्षा मंत्रालय ने अपने नोट में तब के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का ध्यान खींचते हुए कहा था कि हम PMO को ये सलाह दे सकते हैं कि कोई भी अधिकारी जो बातचीत कर रहे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है उसे समानांतर बातचीत नहीं करने को कहा जाए। इस नोट में ये भी कहा गया कि अगर PMO रक्षा मंत्रालय की बातचीत पर भरोसा नहीं है तो उसे PMO की अगुवाई में नए सिरे से बातचीत शुरू करनी चाहिए।
खास बात ये है कि सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वायुसेना उप प्रमुख की अगुवाई में 7 सदस्यीय टीम ने रफ़ाल सौदे पर बातचीत की। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने इस बातचीत में PMO की भूमिका का कोई ज़िक्र नहीं किया।