इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी, कांग्रेस को मिल सकता है नया अध्यक्ष!
By: Pinki Tue, 28 May 2019 08:17:08
लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश के दो दिन बाद भी अपने फैसले पर अड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने स्पष्ट रूप से पार्टी से कहा है कि वह पद छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हट रहे हैं। कुछ नेताओं ने सोमवार को राहुल को मनाने की कोशिश की। हालांकि, वे अपने फैसले पर बने हुए हैं। रविवार को खबरें आई थीं कि राहुल ने इस्तीफा देने का फैसला वापस ले लिया है। वही अब ख़बरें आ रही है कि कांग्रेस चार दिनों में अपनी कार्यसमिति (CWC) की एक और बैठक बुलाने की योजना बना रही है। बैठक में राहुल गांधी को अंतिम बार मनाने की कोशिश की जाएगी, साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार किया जाएगा।
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका का नाम भी आगे न बढ़ाया जाए। इससे पहले सोमवार को उन्होंने कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल से मुलाकात की। इस दौरान राहुल गांधी ने उनसे कहा कि आप मेरा विकल्प ढूंढ़ लीजिए, क्योंकि मैं इस्तीफा वापस नहीं लूंगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि सप्ताह भर से कांग्रेस नेता उन्हें मनाने में जुटे हैं और लेकिन राहुल गांधी ने अपना मन नहीं बदला। आधिकारिक तौर पर, पार्टी ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को 'सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया था।'
बता दें कि इस्तीफे की पेशकश के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को पहली बार ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, 'कई लोकतांत्रिक देशों ने भारत के समय ही आजादी पाई लेकिन जल्द ही तानाशाही में तब्दील हो गए। हम नेहरू जी की पुण्य तिथि पर मजबूत, स्वतंत्र, आधुनिक संस्थाएं बनाने में उनके योगदान को याद करते हैं जिनसे भारत में पिछले 70 वर्षों से लोकतंत्र के बने रहने में मदद मिली।' गौर करने वाली बात यह है कि टि्वटर पर उनका बायो उन्हें अभी भी 'कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष' बता रहा है। कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में इस्तीफे की उनकी पेशकश के बाद उनके टि्वटर का बायो पार्टी के कुछ नेताओं को सुकून दे रहा है।
Many democratic nations as young as India, soon degenerated into dictatorships.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2019
On his death anniversary, let us remember Jawaharlal Nehru Ji’s contribution in building strong, independent, modern institutions, that have helped democracy survive in India for over 70 years 🇮🇳
नेताओं ने पार्टी से ऊपर अपने परिवार को रखा
इससे पहले राहुल ने शनिवार को बैठक के दौरान कहा था कि कई नेताओं ने पार्टी से ऊपर अपने परिवार को रखा। बेटों को टिकट दिलाने और चुनाव जिताने में लगे रहे। इन नेताओं ने दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया। राहुल के इस बयान के बाद राजस्थान में पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कई मंत्रियों ने लोकसभा में हार की जिम्मेदारी तय किए जाने की बात कही। सीडब्ल्यूसी में मौजूद नेताओं के मुताबिक, राहुल ने बैठक के दौरान किसी भी नेता की जिम्मेदारी पर चर्चा नहीं की, बल्कि खुद इस्तीफे की पेशकश की। कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं के ढीलेपन को लेकर उन पर निशाना साधा था। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से आगे अपने बेटों को रखा और उन्हें टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाया। हालांकि, राहुल गांधी ने किसी का नाम नहीं किया, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे और बेटियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव शामिल हैं। गहलोत ने राजस्थान में कुल 130 रैलियां और रोड शो किए। इनमें 93 जोधपुर में कीं। जोधपुर से कांग्रेस ने गहलोत के बेटे वैभव को टिकट दिया था। पार्टी राज्य की सभी 25 सीटों पर चुनाव हार गई।
'हार के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो'
- राजस्थान के ट्रांसपोर्ट मंत्री प्रताप सिंह खचारियावास ने कहा, ''सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी को जवाबदेही तय करने का पूरा अधिकार दिया है। वे उसका इस्तेमाल करेंगे।'' राहुल के बयान को लेकर खचारियावास ने कहा, ''राहुल को यह कहने का पूरा अधिकार है। कोई भी उनसे ऊपर नहीं है। उन्होंने इस पर विचार करने के बाद ही कहा होगा। कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता और नेता उनके इस बयान का सम्मान करते हैं।''
- राज्य के दूसरे मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने कहा, ''हार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। राहुल गांधी ने जो कहा, वह सही है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जाएगा।''
- सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पार्टी को हार के कारणों की समीक्षा करनी चाहिए। जिससे पार्टी दोबारा वापसी करे और आने वाले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करे।
- इसके अलावा यह भी खबरें हैं कि कृषि मंत्री लालचंद्र कटारिया ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, इसे लेकर कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कई विधायकों ने नाम ना उजागर करने की शर्त पर कहा कि पार्टी में हार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
जब राहुल गांधी ने बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी तो पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भावुक हो गए और उन्होंने कहा था कि अगर वह इस्तीफा देते हैं दक्षिण से कांग्रेस कार्यकर्ता सुसाइड कर सकते हैं।