निर्भया रेप केस मामले से अलग हुए CJI बोबडे, अब कल दूसरी बेंच करेगी सुनवाई

By: Pinki Tue, 17 Dec 2019 3:08:14

 निर्भया रेप केस मामले से अलग हुए CJI बोबडे, अब कल दूसरी बेंच करेगी सुनवाई

निर्भया मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। सीजेआई ने निजी वजहों से यह फैसला लिया है। अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच इस पर सुनवाई करेगी। बता दें मंगलवार को सीजेआई शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली की तीन न्यायाधीशों जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने मामले की आरोपी अक्षय के याचिका की सुनवाई की। बताया गया कि बुधवार सुबह दोषी की याचिका की सुनवाई के लिए गठित बेंच की जानकारी दी जाएगी। दोषी अक्षय ठाकुर ने इस मामले में उसके मृत्युदंड को बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है।

इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने पुराने कोर्ट ऑर्डर शीट की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें पीड़िता की ओर से जो एक वकील अदालत में पेश हुए थे, वह सीजेआई के करीबी रिश्तेदार हैं। ऐसे में सीजेआई ने खुद को इस मामले में अलग कर लिया।

चीफ जस्टिस ने दोषी अक्षय ठाकुर की रिव्यू याचिका पर दलील पेश करने के लिए वकील को 30 मिनट का वक्त दिया। ठाकुर के वकील ने अजीब तर्क देते हुए कहा कि मेरे क्लाइंट के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने सारा दोष मीडिया पर डालते हुए कहा कि मीडिया ने ही मेरे क्लाइंट के खिलाफ दुष्प्रचार किया।

बता दें पिछले साल नौ जुलाई को शीर्ष अदालत ने तीन अन्य दोषियों - 30 वर्षीय मुकेश (30) , पवन गुप्ता (23) और विनय शर्मा (24) की पुनर्विचार याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि 2017 के फैसले की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है।

दोषी ने रिव्यू पिटिशन फांसी की सजा में देरी के लिए डाली : निर्भया की मां

आपको बता दे, निर्भया की मां ने दरिंदगी करने वालों में से एक दोषी के सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन के खिलाफ याचिका दाखिल की है। निर्भया की मां ने रिव्यू पिटिशन खारिज करने की अपील करते हुए कहा कि दोषी ने रिव्यू पिटिशन फांसी की सजा में देरी के लिए डाली है। उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए और उसमें देरी नहीं की जानी चाहिए।

एक साथ चारों को फांसी देने की तैयारी में जुटा तिहाड़ जेल प्रशासन

वही इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन देश को दहला देने वाले निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने की तैयारियों में जुटा है। जेल सूत्रों के मुताबिक एक साथ ही चारों को फांसी देने के लिए एक नई तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। फांसी के तख्त में कुछ बदलाव के जरिए यह काम किया जा रहा है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि क्या चार लोगों का वजन एक बार में यह उठा सकता है या नहीं। सूत्रों ने कहा कि यह जरूरी है कि चारों दोषियों को एक ही साथ फांसी पर लटकाया जाए। इसकी वजह यह है कि यदि किसी शख्स को बेचैनी के चलते समस्या हो जाती है या फिर वह बीमार हो जाता है तो फांसी टालनी होगी।

वही यह भी खबर है कि चारों दोषियों की सजा कुछ दिन के लिए अभी और टल सकती है। दरअसल, अगर अक्षय की रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर देती है तो उसके बाद फांसी से पहले डेथ वॉरंट निकालना अनिवार्य होता है। सजायफ्ता कैदियों को फांसी के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए 14 दिनों का वक्त दिया जाता है। इस दौरान अपनी वसीयत एवं अन्य चीजें तैयार करने का मौका मिलता है।

आपको बता दे, 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और उस पर नृशंस हमला किया था और उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। मामले के एक आरोपी राम सिंह ने यहां तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली।

एक अन्य आरोपी किशोर था और उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने 2017 में इस मामले के बाकी चार दोषियों को निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सुनाये गये मृत्युदंड को बरकरार रखा था।

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