कराना चाहते है बच्चों को किताबों से दोस्ती, ले इन बेहतरीन तरीकों की मदद
By: Ankur Tue, 12 Mar 2019 12:22:15
माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा पढ़े-लिखे और जीवन में सफलता प्राप्त करें। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को किताबों से प्यार हो और वे पढने के लिए इंटरेस्ट दिखाए। अक्सर बच्चों की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी माँ पर आ जाती है। ऐसे में हर महिला को चाहिए कि अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रात्साहित करें और कुछ ऐसे तरीके आजमाए जिनकी मदद से बच्चे भी प्रेरित होकर किताबों से दोस्ती कर ले। तो आइये जानते है उन उपायों के बारे में जिनकी मदद से बच्चों को किताबों से प्यार कराया जा सकता हैं।
* खुद पढने की शुरुवात करें
जितना जल्दी आप किताबें पढना शुरू करेंगी आपके बच्चे के लिए उतनी ही आसानी होगी। आप प्रेगनेंसी पीरियड में ही किताबें पढना शुरू कर सकती हैं या फिर नवजात बच्चे के जन्म के दो तीन महीने बाद भी। जब बच्चा छोटा होता है तो वह किताबें देखकर कुछ समझ तो नहीं पाता लेकिन अपनी माँ को पढ़ता देख वो पढने की कला सीखने लगता है। अच्छा रहेगा अगर आप शुरू से ही बड़े चित्रों वाली रंगीन किताबें बच्चे के सामने पढ़ें ऐसी किताबे छोटे बच्चों को बहुत ज्यादा आकर्षित करती हैं और इनमे मौजूद जानवरों और पक्षियों के चित्र देखकर बच्चे बहुत कुछ सीखने लग जाते हैं।
* किताब का सही चुनाव
बच्चे को हमेशा उसकी उम्र के हिसाब से ही किताबें लाकर दें नहीं तो अगर आप 5-6 महीने के बच्चे को कागज़ वाली किताब देंगें तो वो पूरी किताब फाड़कर उससे खेलने लगेगा। इसलिए बच्चा अगर 6 महीने से छोटा हो तो उसे प्लास्टिक कोटेड रंगीन चित्रों वाली किताबें दें जिसे वह फाड़ भी न सके और उसे पसंद भी आये। उसके बाद जब बच्चा एक साल का हो जाये तो उसे चित्रों और शब्दों वाली स्टोरी बुक दें जिससे वह थोड़ा बहुत सीखने की कोशिश करे। इसके बाद जब बच्चा 2 साला से अधिक उम्र का हो जाये तब उसे ऐसी किताबें दें जिसमें वो कहानी और शब्दों की पहचान कर सके और समझ सके।
* आस पास रखें किताबें
अगर आप कामकाजी महिला है तो ऐसे में आपके बच्चे के पास दिनभर किताब नहीं रह सकती है और वह सिर्फ रात में ही सोते समय किताबें पढ़ सकता है। जबकि यह ज़रूरी है कि बच्चे का जब किताबों से खेलने या उन्हें पढने का मन करे तो वह उसके आस पास होनी चाहिए। इसलिए बच्चे की पहुँच में कुछ उसके लायक किताबें घर में ज़रूर रखें जिसे वो खुद कभी भी निकाल कर पढ़ सके।
* खुद पढ़ें
बच्चों में पढने की आदत डालने के लिए सिर्फ उनके लिए किताबें रखें ही नहीं बल्कि उनके सामने आप खुद किताबें बोल बोल कर पढ़ें जिससे उन्हें पढने का सही तरीका समझ में आये। बच्चे बहुत जल्दी किसी भी चीज की नक़ल करना सीख जाते हैं ऐसे में आपको पढता देख वे भी बोलकर पढने की नक़ल करते हैं और धीरे धीरे यह उनकी आदत में शामिल हो जाता है।
* पढने लिखने को मजेदार बनाएं
बच्चे को यह अच्छी आदत सिखाने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप किताबें पढने को अपनी रूटीन में शामिल कर लें और बच्चे को भी रोजाना इसमें बिजी रखें। इसके लिए बेहतर तरीका यही है कि पढ़ाई लिखाई को बोरिंग न बनाएं बल्कि उसे एक गेम की तरह लें और ऐसे तरीकों को अपनायें जिससे बच्चे का मन लगा रहे और उसे मजा आता रहे। धीरे-धीरे आप पायेंगी कि किताबें पढना आपके बच्चे की आदत में शामिल हो गया है।