ऐतिहासिक महत्व रखता हैं भरतपुर, जानें यहां की घूमने लायक जगहों के बारे में
By: Anuj Sat, 04 Apr 2020 4:51:28
राजस्थान की पूर्वी दिशा में स्थित जिला भरतपुर पूरी दुनिया में केवलादेव पक्षी अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है।यहां कई प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके आते हैं। उत्तरप्रदेश एवं दिल्ली से लगता हुआ यह शहर बहुत ही ऐतिहासिक महत्व का है।इसे राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार तथा लोहागढ़ भी कहा जाता है।जयपुर से 178 किलोमीटर की दूरी पर यह जयपुर दिल्ली आगरा राजमार्ग पर स्थित है।आइये जानते हैं भरतपुर में घूमने लायक प्रसिद्ध जगहों के बारे में।
भरतपुर राष्ट्रीय पार्क
इसे केवलादेव राष्ट्रीय पार्क के नाम से भी जाना जाता है।अगर आप पक्षियों को देखने के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिए सबसे शानदार है।यह यूनेस्को द्वारा घोषित भारत का एक विरासत स्थल है।यहाँ लगभग 366 प्रकार के पक्षी पाये जाते हैं जिनमे कई प्रवासी पक्षी भी हैं।
गंगा मंदिर
इस मंदिर को राजस्थान के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक माना जाता है।कहा जाता है कि इस पूरा होने में 90 वर्ष लगे थे।यहाँ मंदिर की दीवारों पर कलात्मक काम किया गया है।
लोहागढ़ किला
इतिहास में यह किला सबसे मजबूत किलों में से एक गिना जाता है।इस किले पर कई बार आक्रमण किये गए पर इसे कोई जीत नहीं पाया।इस किले के अंदर एक विशाल संग्रहालय भी है जहाँ इस किले से संबंधित सारी जानकारी मिलती है।
बांके बिहारी मन्दिर
भरतपुर में वैसे तो कई मंदिर हैं लेकिन बांके बिहारी मंदिर का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। यहां राधा एवं कृष्णा की प्राचीन मूर्तियां विराजमान हैं।मंदिर के अन्दर बहुत बारीकी से काम किया गया है।
लोहागढ़ किला
इतिहास में यह किला सबसे मजबूत किलों में से एक गिना जाता है।इस किले पर कई बार आक्रमण किये गए पर इसे कोई जीत नहीं पाया।इस किले के अंदर एक विशाल संग्रहालय भी है जहाँ इस किले से संबंधित सारी जानकारी मिलती है।
बांके बिहारी मन्दिर
भरतपुर में वैसे तो कई मंदिर हैं लेकिन बांके बिहारी मंदिर का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। यहां राधा एवं कृष्णा की प्राचीन मूर्तियां विराजमान हैं।मंदिर के अन्दर बहुत बारीकी से काम किया गया है।
लक्ष्मण मन्दिर
भरतपुर में दो लक्ष्मण मंदिर हैं।एक 400 वर्ष पुराना है जिसे नागा बाबा ने बनवाया था तो दूसरा 3 शताब्दी पुराना बताया जाता है जिसे राजा बलदेव सिंह ने बनवाया था।लाल पत्थर एवं संगमरमर से बने ये मन्दिर स्थानीय लोगों की श्रद्धा का केंद्र हैं।