मलेरिया बनता जा रहा है मौत का कारण, इन घरेलू नुस्खों से करें अपना बचाव
By: Ankur Wed, 10 Oct 2018 3:33:41
अक्सर देखा गया है कि मौसम के बदलाव के साथ ही खांसी-जुखाम की परेशानियाँ भी होने लगती हैं। अभी के समय में मलेरिया बीमारी भी अपने पैर पसार रही हैं जो खांसी-जुखाम में अपना ज्यादा असर दिखाती हैं। मलेरिया बीमारी मादा एनोफिलेज मच्छर से फैलती हैं। इस बीमारी में सांस फूलना, चक्कर आना, सर्दी, उबकाई,बुखार जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इसको बढ़ने से रोकने के लिए समय पर ही उपचार करने की जरूरत होती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ घरेलू नुस्खे लेकर आए हैं जो मलेरिया से छुटकारा दिलाते हैं।
* तुलसी
भारतीय संस्कृति में तुलसी को विशेष स्थान दिया जाता है। इसे पूजनीय भी माना जाता है। कई बीमारियों के इलाज में तुलसी का उपयोग किया जाता है। यदि आपके आंगन में या आसपास पेड़-पौधे लगाने की जगह है तो तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी के पत्ते और 7-8 मिर्च को पानी में पीसकर सुबह और शाम लेने से बुखार ठीक हो जाता है। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं। अनेक गुणों के साथ ही तुलसी मच्छरों को भगाने में भी मददगार साबित होती है।
* अदरक
अदरक का सेवन भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ मलेरिया के इलाज के लिए भी काफी लाभदायक होता है। थोड़ी सी अदरक लेकर उसमें 2-3 चम्मच किशमिश डालकर पानी के साथ उबालें। जब तक पानी आधा नहीं रह जाता इसे उबालते रहें। थोड़ा ठंडा होने पर इसे दिन में दो बार लें। इससे मलेरिया का बुखार कम करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, मलेरिया होने पर हरसिंगार के पत्ते का सेवन अदरक के रस के साथ शक्कर मिलाकर किया जाये तो मलेरिया में लाभ होता है।
* नीम
नीम का पेड़ मलेरिया-रोधी के रूप में प्रसिद्ध है। यह वायरस रोधी पेड़ है। मलेरिया मुख्यत: मच्छरों के काटने से होता है। सर्दी, कंपकपाहट, तेज बुखार, बेहोशी, बुखार उतरने पर पसीना छूटना, इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस रोग में नीम के तने की छाल का काढ़ा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है। इससे बुखार में आराम मिलता है। थोड़े से नीम के हरे पत्ते और चार काली मिर्च एक साथ पीस लें। फिर इसे थोड़े से पानी में मिलाकर उबाल लें। इस पानी को छानकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा नीम तेल में नारियल या सरसों का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने से भी मच्छरों के कारण उत्पन्न मलेरिया का बुखार उतर जाता है।
* गिलोय
गिलोय ऐसी आयुर्वेदिक बेल है, जिसमें सभी प्रकार के बुखार विशेषकर मलेरिया रोगों से लड़ने के गुण होते हैं। गिलोय के काढ़े या रस में शहद मिलाकर 40 से 70 मिलीलीटर की मात्रा में नियमित सेवन करने से मलेरिया में लाभ होता है। इस प्रकार के बुखार के लिए लगभग 40 ग्राम गिलोय को कुचलकर मिट्टी के बर्तन में पानी मिलाकर रात भर ढक कर रख दें। सुबह इसे मसल कर छानकर रोगी को अस्सी ग्राम मात्रा दिन में तीन बार पीने से बुखार दूर हो जाता है।
* अमरुद
अमरुद का सेवन मलेरिया में लाभप्रद होता है। यदि किसी को मलेरिया हो जाए तो उसे रोज दिन में तीन बार उसे अमरूद अवश्य खिलाएं। बहुत प्रभावी रहेगा। अमरूद के मुकाबले इसके छिलके में विटामिन ‘सी’ बहुत अधिक होता है। इसलिए अमरूद को छिलका हटाकर कभी न खाएं