सुपर स्टार अक्षय कुमार की बराबरी करता है यह सितारा, 1 साल 3 सुपरहिट फिल्में
By: Priyanka Maheshwari Thu, 04 Jan 2018 12:28:22
बॉक्स ऑफिस की सफलता को लेकर सिर्फ और सिर्फ बड़े सितारों का जिक्र होता है लेकिन कुछ ऐसे सितारे भी हैं जो अपनी फिल्मों की सफलता के बदौलत बॉक्स ऑफिस को लगातार चलायमान रखते हैं। इन सितारों की फिल्में सीमित बजट में बनकर तैयार होती हैं और प्रदर्शन के पहले सप्ताह में ही न सिर्फ अपनी लागत निकाल लेती है अपितु निर्माता को मुनाफा भी दे जाती हैं। इन सितारों की फेहरिस्त लम्बी है, जिनमें शामिल आयुष्मान खुराना।
गायक और संगीतकार के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले आयुष्मान खुराना ने अपना फिल्मी करियर की शुरूआत 'विक्की डोनर' जैसी अलग फिल्म से की थी। एक आर्टिस्ट के तौर पर वे सबसे पहले पटकथा के साथ जुड़ते हैं। उन्होंने अब तक जितने भी किरदार परदे पर उतारे हैं वे सभी मुश्किल किरदार रहे हैं। फिर चाहे वह विक्की डोनर हो, या दम लगा के हईशा, शुभ मंगल सावधान और बरेली की बर्फी ऐसी ही फिल्में रही हैं, जिनको कोई नामी सितारा करना पसन्द नहीं करता।
आयुष्मान खुराना की वर्ष 2018 में भी ऐसी ही दो फिल्में आने वाली हैं। यह दो फिल्में हैं —शूट द पियानो प्लेयर और बधाई हो— यह दोनों फिल्में बिलकुल जुदा जोनर की हैं। शूट द पियानो प्लेयर का निर्माण श्रीराम राघवन करने जा रहे हैं, जो अपनी डार्क फिल्मों को लेकर चर्चा में रहते हैं। उनकी पिछली सफल फिल्म 'बदलापुर' थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर 50 करोड से ज्यादा का कारोबार किया था।
शूट द पियानो प्लेयर को लेकर आयुष्मान खुराना खासे उत्साहित हैं। उनका कहना है कि मैं पिछले 5 साल से फिल्म उद्योग में हूं और मैंने अब तक डार्क फिल्म नहीं की। यह मेरी अब तक की सबसे डार्केस्ट फिल्म है। खुशनसीब हूँ जो श्रीराम राघवन के साथ काम करने का मौका मिला।
बॉक्स ऑफिस की गणित के हिसाब से देखा जाए तो सीमित बजट की फिल्मों के अक्षय कुमार हैं आयुष्मान खुराना। आयुष्मान खुराना वर्ष में दो या तीन फिल्में देते हैं और कमोबेश उनकी सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल होती हैं। निर्माता को इनकी फिल्मों से कोई नुकसान नहीं होता है। चालीस से पचास करोड़ के बीच इनकी फिल्में कमा लेती हैं। गत वर्ष उनकी तीन फिल्में—मेरी प्यारी बिंदु, शुभ मंगल सावधान और बरेली की बर्फी का प्रदर्शन हुआ। इनमें मेरी प्यारी बिंदु यशराज फिल्म्स की थी। इस फिल्म से सभी को बहुत उम्मीदें थी, क्योंकि दो वर्ष के अंतराल के बाद परिणीति चोपड़ा ने इससे वापसी की थी। फिल्म ने अच्छी कमाई की लेकिन उतनी नहीं जितनी यशराज की फिल्म से होती है, हालांकि नुकसान नहीं हुआ।
वर्ष के मध्य में उनकी शुभ मंगल सावधान का प्रदर्शन हुआ। इस फिल्म को बिना किसी बड़े तामझाम के निर्माता ने प्रदर्शित किया। प्रदर्शन के बाद धीरे-धीरे इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर गति पकड़ी और देखते ही देखते यह सुपर हिट हो गई। इस फिल्म की सफलता में जहाँ आयुष्मान और भूमि पेडनेकर की एक्टिंग का योगदान रहा, वहीं दूसरी ओर सबसे ऊपर इसका विषय और प्रस्तुतीकरण रहा। जिस विषय पर इस फिल्म का निर्माण किया गया, उस पर कोई बड़ा निर्माता दांव नहीं लगा सकता था। यह फिल्म युवाओं के सैक्स पॉवर पर थी। इस अछूते विषय को युवा दर्शकों ने बहुत सराहा।
इस फिल्म की सफलता का खुमार अभी उतरा भी नहीं था कि आयुष्मान की एक और फिल्म 'बरेली की बफी' का प्रदर्शन हुआ। यह एक अलग तरह की प्रेम कहानी थी, जिसमें इमोशन के साथ-साथ प्रेम की गहराई को दर्शाया गया था। कृति सेनन और राजकुमार राव की अदाकारी बेमिसाल थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खासा मुनाफा कमाया।
आयुष्मान न सिर्फ अच्छे अभिनेता हैं, वे अच्छे गायक भी हैं। उन्होंने अब तक जितने भी एलबम और सिंगल्स में गाया है वे सभी सुपरहिट रहे हैं। हालांकि कुछ वर्षों से उनका कोई एलबम नहीं आया है लेकिन उम्मीद है इस वर्ष उनका एलबम जरूर आयेगा। उनका कहना है कि अभी तो वे सिर्फ अपनी फिल्मों के गीत गा रहे हैं। बरेली की बर्फी में उन्होंने एक नज्म गाई थी। शुभ मंगल सावधान में भी एक गाना गाया था। कोई सिंगल या एल्बम तो नहीं गा रहा पर मूवीज के बीच में गैप मिला तो जरूर कुछ लेकर आऊंगा। उनके कुछ गाने तैयार भी हैं बस सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं।