ए.आर. रहमान: पहली बार भारतीय को मिला ऑस्कर पुरस्कार, वैश्विक सिनेमा में भारत ने मचाई धूम
By: Geeta Sun, 06 Jan 2019 1:42:59
वर्ष 2008 भारतीय सिनेमा के लिए स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने वाला वर्ष रहा। इस वर्ष भारत को पहली बार विश्व सिनेमा के सबसे बडे पुरस्कार समारोह ‘ऑस्कर’ में अपना रूतबा जमाने का मौका मिला। अवसर था फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियम’ के संगीत को पुरस्कृत किये जाने का। इस फिल्म के गीत ‘जय हो’ के लिए भारत ने एक साथ दो एकेडमी पुरस्कार अपनी झोली में डाले । ये पुरस्कार थे—सर्वश्रेष्ठ संगीत और गीत का, जिन्हें ए.आर. रहमान और गुलजार—ने जीता था। ‘जय हो’ गीत की रचना गुलजार ने की थी और इसका संगीत ए.आर. रहमान ने तैयार किया था।
स्लमडॉग मिलियनेयर मोशन पिक्चर का संगीत उसी नाम के ब्रिटिश ड्रामा फिल्म का साउंडट्रैक एल्बम है, जिसका निर्देशन डैनियल बॉयल ने किया है। मूल स्कोर और गीतों की रचना ए.आर.रहमान ने की थी, जिन्होंने दो महीने में स्कोर की योजना बनाई थी और इसे 20 दिनों में पूरा किया, सामान्य से काफी कम समय में। साउंडट्रैक ने सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर के लिए गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ फिल्म संगीत के लिए बाफ्टा पुरस्कार और दो अकादमी पुरस्कार, एक सर्वश्रेष्ठ मूल संगीत स्कोर के लिए और दूसरा ‘जय हो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए जीता है। साउंडट्रैक ने दो ग्रैमी पुरस्कार भी जीते हैं, एक एल्बम के लिए और दूसरा ‘जय हो’ गीत के लिए। दुनिया भर में साउंडट्रैक की बिक्री दो मिलियन यूनिट से अधिक है।
वैसे हम अपने सुधि पाठकों को इस बात की जानकारी देना चाहेंगे कि हिन्दी फिल्मों में बतौर संगीतकार ए.आर. रहमान ने निर्माता निर्देशक रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ से शुरूआत की थी। जबकि इस फिल्म से पहले उनकी जितनी हिन्दी में फिल्में आईं वे सब तमिल, मलयालम और तेलुगु फिल्मों का डब वर्जन थी।
वर्ष 1995 में आई ‘रंगीला’ का निर्माण झामू सुगंध ने किया था, जबकि इस फिल्म की कथा-पटकथा और निर्देशन रामगोपाल वर्मा का था। ‘रंगीला’ ने 1995 के फिल्मफेयर पुरस्कार में 7 पुरस्कार अपनी झोली में डाले थे। यह पुरस्कार थे—सर्वश्रेष्ठ सहनायक (जैकी श्रॉफ), कोरियोग्राफर (अहमद खान), बेस्ट कास्ट्यूम डिजाइनिंग (मनीष मल्होत्रा), बेस्ट स्टोरी (रामगोपाल वर्मा), सर्वश्रेष्ठ संगीतकार (ए.आर. रहमान), गीतकार मेहबूब को आर.डी. बर्मन पुरस्कार और गायिका आशा भौंसले को ‘तन्हा तन्हा यहाँ पे जीना ये कोई बात है’ के लिए विशेष जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
‘रंगीला’ के गीत मेहबूब ने लिखे थे, जिन्होंने ए.आर.रहमान की कई फिल्मों के हिन्दी डब वर्जन के गीतों को हिन्दी में अनुवादित किया था। इस फिल्म के यूं तो सभी गीत खासे लोकप्रिय हुए थे लेकिन इसका टाइटल ट्रैक सबसे बेहतरीन था। इस गीत का संगीत ऐसा है जो आज भी युवाओं को कदम थिरकाने के लिए मजबूर करता है। शायद रहमान पहले ऐसे संगीतकार रहे हैं जिन्होंने आशा भौंसले की आवाज का इतना खूबसूरत इस्तेमाल अपने गीतों में किया। इसी फिल्म के गीत ‘तन्हा तन्हा’ के लिए उन्हें विशेष जूरी पुरस्कार मिला था।