गुरु पूर्णिमा का महत्व, इस दिन गोवेर्धन पर्वत की परिक्रमा भी की जाती है

By: Megha Tue, 24 July 2018 1:44:15

गुरु पूर्णिमा का महत्व, इस दिन गोवेर्धन पर्वत की परिक्रमा भी की जाती है

आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनायी जाती है। गुरु पूर्णिमा पूरे देश बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है जो गुरुओ समर्पित पर्व है। यह पर्व गुरु और शिष्य के सम्बन्धो को बताता है। कहते है गुरु के बिना ज्ञान नही मिलता है। गुरु के त्याग और तप को समर्पित होता है यह पर्व। साथ ही गुरु पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु गोवेर्धन पर्वत की परिक्रमा भी करते है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि इस‍ दिन बंगाली साधु सिर मुंडाकर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं। सनातनी परंपरा के अनुसार इस दिन से चार माह तक साधु-संत एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। इसलिए ये चार महीने अध्ययन के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। तो आइये जानते है इसके महत्व के बारे में....

guru purnima,astrology tips,astro tips of guru purnima ,गुरु पूर्णिमा ,गुरु पूर्णिमा का महत्त्व,जीवन मंत्र

मान्यता :
कहते है आदि वेद व्यास जी जन्म आषाढ़ की पूर्णिमा को हुआ था। उनके सम्मान में ही आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

महत्व:
गुरु का आशीर्वाद सबके लिए कल्याणकारी व ज्ञानवर्द्धक होता है, इसलिए इस दिन गुरु पूजन के उपरांत गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा अंधविश्वास के आधार पर नहीं बल्कि श्रद्धाभाव से मनाना चाहिए। बच्‍चे को जन्म भले ही माता-पिता देते हो पर जीवन का अर्थ और सार समझाने का कार्य गुरु ही करता है। उसे जीवन की कठिन राह पर मजबूती से खड़े रहने की हिम्‍मत एक गुरु ही देता है। हिंदू परंपरा में गुरु को गोविंद से भी ऊंचा माना गया है, इसलिए यह दिन गुरु की पूजा का विशेष दिन है।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com