जप के दौरान हर माला रखती हैं अपना विशेष महत्व, जानें फायदे

By: Ankur Mundra Mon, 22 June 2020 11:23:41

जप के दौरान हर माला रखती हैं अपना विशेष महत्व, जानें फायदे

आप सभी ने देखा होगा कि जब भी कभी भगवान का ध्यान किया जाता हैं और मन्त्रों का जाप किया जाता हैं तो माला के साथ जप किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान की भक्ति के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली माला का अपना विशेष महत्व होता हैं और सभी अपना अलग प्रभाव छोडती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कौनसी माला का क्या फल प्राप्त किया जाता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

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कमलगट्टे की माला और लाल चन्दन की माला

कमलगट्टे की माला और लाल चंदन की माला से लक्ष्मीजी और दुर्गाजी की उपासना करने का उत्तम विधान कहा गया है। लाल चन्दन की माला से जप करने से भोगों की प्राप्ति होती है। वहीं कमलगट्टे की माला से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन प्राप्ति का मार्ग खुलता है।

स्फटिक की माला

स्फटिक की माला भी सिद्धिओं में काम आती है तांत्रिक लोग इसका ज्यादा उपयोग करते हैं। माला विशेष महत्व बस यही है की, माला अपने अन्दर भक्ति को जगाने का साधन मात्र ही है जो सिद्धि करना चाहते हैं उनके लिए माला की उपयोगिता है। विशेष मंत्र साधना में और भजन में जो जिसकी सिद्धि कराने वाला इष्ट हो माला भी वैसी ही सिद्ध हो जाती है।

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तुलसी की माला

तुलसी की माला से मन में वैराग्य की भावना बनती है। गृहस्‍थ लोगों को तुलसी की माला से जप नहीं करना चाहिए। पद्मपुराण-में कहा गया है कि तुलसी की माला गले में धारण करके भोजन करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है। तुलसी माला गले में धारण करके स्नान करने से समस्त तीर्थों के स्नान का फल मिलता है। मृत्यु के समय यदि तुलसी कि माला गले में हो तो साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तुलसी की माला से भगवान विष्णु, श्री कृष्ण की उपासना, करने का विधान बताया गया है।

रुद्राक्ष माला

रुद्राक्ष की माला से शिवजी की उपासना, करने का विधान माना गया है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का ही अंश माना जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्‍पत्ति भगवान शिव से ही हुई थी। इसलिए भगवान शिव की माला के लिए रुद्राक्ष की माला को सर्वथा उपयोगी माना गया है।

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