जानिए कैसे बर्तन तय करते हैं किस्मत और भाग्य
By: Sandeep Gupta Sun, 10 Sept 2017 06:49:05
वास्तुशास्त्र के अनुसार भोजन के बर्तन एकदम साफ होने चाहिए। गंदे अथवा धूल-मिटटी चढ़े हुए बर्तन इस्तेमाल में नहीं लाने चाहिए। घर में कदापि टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखने चाहिए। यदि किसी पात्र में कोई खरोंच आदि जैसा निशान भी आ जाए तो भी उसे भोजन करने के लिए इस्तेमाल में नही लाना चाहिए।
खंडित बर्तन : घर में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हमारे जीवन स्तर को इंगित करते हैं। इसी कारण इन दिनों सुंदर डिजाइन वाले बर्तनों का चलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इसी चलन के कारण कई घरों में पुराने या टूटे-फूटे बर्तनों को संभालकर स्टोर रूम में रख दिया जाता है, जो कि वास्तु की दृष्टि से अशुभ है तथा इसे वास्तु विज्ञान में एक दोष की भांति देखा जाता है। टूटे-फूटे बर्तन दरिद्रता की ओर संकेत करते हैं तथा इन्हें घर में जगह देने से घर में दरिद्रता बढ़ती है और कई तरह की आर्थिक हानि भी हो सकती है।
सोने चांदी के बर्तन : चांदी के बर्तनों में भोजन करना तन, मन और धन के लिए अनुकुल माना गया है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है जिससे शरीर की गर्मी का नाश होता है। सोने के बर्तनों में भोजन करने से शरीर ठोस, सशक्त और पराक्रमी बनता है। पुरूषों के लिए सोने के बर्तनों में भोजन करना लाभदायक माना गया है।
टूटे-फूटे बर्तनों का ज्योतिषी तर्क : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहू ग्रह अशुभता का परम सूचक माना जाता है। टूटे-फूटे तथा खंडित चीनी मिट्टी के बर्तन राहू का प्रतीक हैं। ज्योतिषशास्त्र की लाल किताब में हमेशा से ही इस बात पर जोर दिया जाता है कि घरों में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखने चाहिए, न ही कभी ऐसे बर्तनों में भोजन करना चाहिए। जो व्यक्ति टूटे-फूटे बर्तनों में खाना खाता है उससे धन की देवी लक्ष्मी रूठ जाती हैं और उसके घर में अलक्ष्मी अर्थात दरिद्रता का निवास होता है। ऐसा होने पर कई प्रकार के नुकसान का सामना करना पड़ता है।
सरल समाधान : घर से सभी टूटे-फूटे, खंडित, दरार पड़े हुए तथा बेकार बर्तनों को हटा देना चाहिए। इससे वास्तु दोष का परिहार हो जाता है तथा घर में लक्ष्मी पुनः वास करती हैं। खंडित बर्तन में खाना खाने से हमारी जीवनशैली नकारात्मक बनती है। जैसे बर्तनों में हम भोजन करते हैं हमारा स्वभाव और स्वास्थ्य भी वैसा ही बन जाता है। इसी वजह से अच्छे और साफ बर्तनों में भोजन करें। इससे आपके विचार भी शुद्ध होंगे और सकारात्मक ऊर्जा का शुभ प्रभाव आप पर पड़ेगा और आप सफलता के शिखर पर पहुचने में सफल होंगे।