
चीन के त्येनजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट और सख्त रुख पेश किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इसके खिलाफ लड़ाई में कोई भी देश दोहरे मापदंड नहीं अपना सकता।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद न केवल सीमा-पार गतिविधियों के जरिए फैल रहा है, बल्कि अब यह साइबर नेटवर्क और डिजिटल फंडिंग के माध्यम से भी और अधिक खतरनाक स्वरूप ले रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि आतंकवाद के समर्थन और उसे बढ़ावा देने वाले देशों को पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 34 वर्षों से यह संगठन पूरे यूरेशिया क्षेत्र को जोड़ने और स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत ने इस संगठन के सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा सकारात्मक योगदान दिया है। मोदी ने बताया कि भारत का SCO के प्रति दृष्टिकोण तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है—सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा क्षेत्र में भारत आतंकवाद, कट्टरपंथ और अलगाववाद जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए साझा सहयोग को अहम मानता है। कनेक्टिविटी के तहत भारत क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने, व्यापारिक मार्गों को सरल बनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। वहीं अवसर का स्तंभ आर्थिक विकास, निवेश और नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
मोदी के अनुसार, SCO सिर्फ एक संगठन नहीं बल्कि शांति, प्रगति और सहयोग का साझा मंच है, जिसमें भारत एक जिम्मेदार साझेदार के रूप में अपनी भूमिका निभाता रहेगा।
आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती
पीएम मोदी ने कहा कि "सिक्योरिटी को लेकर कहा कि सुरक्षा शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार है। लेकिन इसकी राह में आतंकवाद, अलगाववाद, अतिवाद बड़ी चुनौती है। आतंकवाद किसी देश की सुरक्षा ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है। कोई भी देश इससे खुद को सुरक्षित नहीं समझ सकता। पीएम मोदी ने चीन में हो रहे SCO सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- "भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं उस मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जो दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा।"
पीएम मोदी ने कहा कि "भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर ज़ोर दिया है। भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की...हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई। इसमें आपके सहयोग के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।"
आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं
पीएम मोदी ने साफ तौर पर कहा- "हमें स्पष्ट रूप से और एकमत से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है। पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले प्रत्येक देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। ऐसे में, यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।"
कनेक्टिविटी के मुद्दे पर बोले पीएम मोदी
चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) की बैठक में पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी के मुद्दे पर कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास और अर्थ खो देती है। उन्होंने कहा कि "भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मज़बूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।"
हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "आज Reform, Perform and Transform के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।"
पुतिन और पीएम मोदी की होगी मुलाकात
SCO समिट में आज फिर दो महाशक्तियों की मीटिंग होने जा रही है। त्येनजिन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात होगी। सुबह पौने 10 बजे से दोनों के बीच 45 मिनट तक द्विपक्षीय बैठक होगी। पीएम मोदी और पुतिन के बीच आपसी संबंध, कारोबार और यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हो सकती है। पूरी दुनिया की निगाहें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली द्विपक्षीय बातचीत पर है। अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा भी दोनों नेताओं की बातचीत के सेंटर में हो सकता है।
यूक्रेन युद्ध पर होगी चर्चा
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी की चीन यात्रा से ठीक पहले उनसे फोन पर बात की थी। उस बातचीत में जेलेंस्की ने फौरन सीजफायर की अपील की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि पुतिन के साथ बातचीत में पीएम मोदी इस बात पर जोर डाल सकते हैं कि इस मामले का कूटनीतिक समाधान निकालते हुए शांति की बातचीत शुरू की जाए।














