
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अहम द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने भारत-रूस के रिश्तों की मजबूती पर ज़ोर देते हुए कहा कि कठिन समय में भी दोनों देश हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भारत और रूस का सहयोग बेहद ज़रूरी है।
यूक्रेन में जारी युद्ध पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा— “इस संघर्ष को रोकना अब पूरी मानवता की पुकार है।” उनका कहना था कि समय आ गया है जब सभी पक्ष मिलकर रचनात्मक वार्ता करें और युद्ध को समाप्त करने का रास्ता तलाशें।
वहीं, व्लादिमीर पुतिन ने भी नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच के संबंध हमेशा से भरोसे और सहयोग पर टिके रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पुतिन से हर मुलाकात खास और यादगार होती है क्योंकि दोनों देशों ने दशकों से कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है।
भारतीयों की निगाहें और वैश्विक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान उल्लेख किया कि सितंबर में होने वाली अगली बैठक का 140 करोड़ भारतीयों को बेसब्री से इंतज़ार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-रूस साझेदारी सिर्फ दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति और समृद्धि के लिए अहम है।
यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष खुले मन से संवाद करेंगे और संघर्ष खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि अब यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि पूरी मानवता का प्रश्न बन गया है।
SCO मंच पर आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO सम्मेलन में आतंकवाद पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि अब यह अनदेखा नहीं किया जा सकता कि कुछ देश खुले तौर पर आतंकवाद को समर्थन और बढ़ावा दे रहे हैं।
मोदी की पहल का असर साझा घोषणा पत्र में भी दिखा, जिसमें हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख किया गया और उसकी तीखी निंदा की गई। खास बात यह है कि SCO के इतिहास में पहली बार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले की इतनी स्पष्ट आलोचना दर्ज हुई है। यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है।














