
दुनिया में एक बार फिर परमाणु हथियारों की होड़ तेज होती दिखाई दे रही है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि रूस और पाकिस्तान सहित कई देश गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी उस समय आई है, जब कुछ दिन पहले ही उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने रक्षा विभाग को परमाणु परीक्षणों के लिए निर्देश दिए हैं। ट्रंप के इन बयानों ने वैश्विक समुदाय के साथ-साथ भारत की भी चिंता बढ़ा दी है।
ट्रंप का बड़ा दावा – “कई देश कर रहे हैं गुप्त परमाणु परीक्षण”
सीबीएस को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, “दुनिया के कई परमाणु संपन्न देश परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन इस बारे में कोई खुलकर बात नहीं करता।” उन्होंने रूस और चीन का नाम लेते हुए कहा कि दोनों देश परीक्षण कर रहे हैं, परंतु मीडिया के सामने इसे स्वीकार नहीं करते। ट्रंप ने कहा, “हम एक खुला समाज हैं। हम चीजों को छिपाते नहीं। हम जो करते हैं, उसके बारे में बात करते हैं। उनके पास हमारे जैसे स्वतंत्र पत्रकार नहीं हैं जो इन मुद्दों को उठाएं।”
भारत और पाकिस्तान का भी जिक्र
इसी बातचीत में ट्रंप ने उत्तर कोरिया और पाकिस्तान का नाम भी लिया और कहा, “निश्चित रूप से उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है, पाकिस्तान भी कर रहा है।” इतना ही नहीं, उन्होंने यह दावा भी किया कि इसी साल मई में भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के कगार पर थे, लेकिन उन्होंने अपने ‘टैरिफ और ट्रेड’ रणनीति के जरिए उस टकराव को टाल दिया। ट्रंप के अनुसार, “अगर मैंने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो लाखों लोगों की जान जा सकती थी।”
“अंडरग्राउंड टेस्टिंग” का आरोप
ट्रंप ने आगे कहा कि ये देश अपने परमाणु परीक्षणों को पूरी तरह गुप्त रखते हैं और इन्हें भूमिगत किया जाता है ताकि बाहरी दुनिया को इसका अंदाजा न हो सके। उन्होंने कहा, “ऐसे परीक्षणों में केवल कंपन महसूस होती है, जैसे किसी भूकंप के दौरान होता है, लेकिन असल में ये गुप्त परमाणु परीक्षण होते हैं।” मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कई निगरानी केंद्रों ने भी जमीन के नीचे हल्के कंपन दर्ज किए हैं, जिन्हें सामान्य रूप से भूकंप समझा गया, लेकिन ट्रंप का कहना है कि ये कंपन परमाणु गतिविधियों के संकेत हो सकते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों का अलग रुख
हालांकि, अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान ट्रंप से कुछ अलग हैं। ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि जिन परीक्षणों की बात की जा रही है, उनमें वास्तविक परमाणु विस्फोट शामिल नहीं हैं। उन्होंने बताया, “हम जिन परीक्षणों की योजना बना रहे हैं, वे केवल सिस्टम जांच के लिए हैं, जिन्हें गैर-महत्वपूर्ण विस्फोट कहा जाता है।”
ट्रंप का संकेत – पुराने प्रतिबंध हटाने की तैयारी
ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर यह भी इशारा दिया कि अमेरिका अब दशकों पुरानी परमाणु परीक्षणों पर लगी रोक को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दुनिया पहले से ही नई परमाणु प्रतिस्पर्धा की ओर बढ़ती नजर आ रही है, और इससे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के हालात और जटिल हो सकते हैं।














