लोगों के लिए अजूबा बना ये पेड़, इस पर लगते हैं 121 वैरायटी के आम
By: Priyanka Maheshwari Sat, 03 July 2021 10:13:44
आज हम आपको आम के एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे जिस पर 121 वेराइटी के आम उगते हैं। करीब दस साल की कड़ी मेहनत से तैयार हुआ ये आम का अनोखा पेड़ इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। आलम ये है कि इस पेड़ को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।ऐसे में ज़ाहिर है आप भी ये जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आखिर ये संभव कैसे हुआ।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आम का यह अनोखा पेड़ है। आम के इस पेड़ को खास तरीके से तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में करीब 5 साल का वक्त लगा है और अब इस एक पौधे पर अलग अलग किस्म के आम आने लगे हैं। वैसे तो ये पौधा 15 साल का हो गया है, लेकिन तकरीबन 10 साल पहले हॉर्टिकल्चरिस्ट (Horticulturist) इस पर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं, जिससे नई तरह की वैरायटी तैयार की जा सके।
Saharanpur | Horticulturists grow 121 varieties of mangoes in single tree through grafting
— ANI UP (@ANINewsUP) June 30, 2021
We're working on new species so that better varieties of mangoes can be produced. People can also use this technique: Bhanu Prakash Ram, Joint Director, Horticulture & Training Centre pic.twitter.com/eOCLwLZa1J
आम उत्पादन के मामले में सहारनपुर को फल पट्टी भी घोषित किया गया है। सहानपुर में आम की नई-नई किस्म पर शोध भी हुए हैं। करीब 10 साल पहले कंपनी बाग स्थित औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र के तत्कालीन संयुक्त निदेशक राजेश प्रसाद ने आम के एक ही पेड़ पर 121 किस्म के आम की कलम (ब्रांच) लगाई थीं। अब एक ही पेड़ पर 121 तरह की किस्म के आम लगने शुरू हो गए हैं। शोध के लिए जिस पेड़ को चुना गया था, उसकी उम्र उस वक़्त करीब 10 वर्ष थी।
पेड़ पर पैदा होती है ये प्रजातियां
इस पेड़ पर दशहरी, लंगड़ा, चौंसा, रामकेला, आम्रपाली, सहारनपुर अरुण, सहारनपुर वरुण, सहारनपुर सौरभ, सहारनपुर गौरव, सहारनपुर राजीव, लखनऊ सफेदा, टॉमी ऐट किंग्स, पूसा सूर्या, सैंसेशन, रटौल, कलमी मालदा, बांबे, स्मिथ, मैंगीफेरा जालोनिया, गोला बुलंदशहर, लरन्कू, एलआर स्पेशल, आलमपुर बेनिशा, असौजिया देवबंद समेत 121 किस्म के आम पाए जाते हैं। कई नई प्रजातियों पर भी काम चल रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कई नई वैरायटी इस पर काम चल रहा है ताकि और बेहतर उत्पादन किया जा सके। आपको बता दे, इस पेड़ पर अंगूर के दाने जितना बड़ा आम से लेकर 2 किलो वजन तक का आम पैदा होता है।
देखभाल के लिए करनी पड़ती है कड़ी मशक्कत
इस पेड़ पर आम की 121 प्रजातियों के फल की पैदावार करने के लिए कंपनी बाग के पूरे स्टाफ को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। कंपनी बाग के मालिकों ने बताया कि इस पेड़ की देखभाल पूरे साल करनी पड़ती है। पानी, खाद और रोपाई, धुलाई करने के अलावा इस की टहनियों को टूटने से बचाने के लिए सहारा भी देना पड़ता है। आंधी तूफान के समय भी इसकी खास देखभाल की जाती है। लोगों से भी इसको दूर रखा जाता है।
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