
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी है। स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन (SIR) योजना पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने साफ कहा कि यह योजना बंगाल में लागू नहीं होने दी जाएगी। ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान अलग है, और केंद्र को यह समझना होगा कि यहां की परिस्थितियां बाकी राज्यों जैसी नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि SIR की बैठकों में राज्य सरकार को शामिल नहीं किया जाता और केंद्र के अधिकारी राज्य प्रशासन को डराने-धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ अधिकारियों को बुलाकर बैठकों में दबाव बनाया जा रहा है, जबकि जनता की राय को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”
अमित शाह को खुली चुनौती, बिहार और बंगाल में फर्क बताया
ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा कि “बंगाल बिहार नहीं है। यहां की सामाजिक बनावट बिल्कुल अलग है। देखेंगे आप यहां से वोटरों को कैसे हटाते हैं।” उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार होने के कारण SIR जैसा कदम संभव हो सका, लेकिन बंगाल में यह सफल नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पश्चिम बंगाल में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय सामंजस्य के साथ रहते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ प्रवासी मजदूरों और अल्पसंख्यक परिवारों को पहले ही NRC से जुड़े नोटिस भेजे जा चुके हैं।
SIR को बताया ‘फ्रॉड’, चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
ममता बनर्जी ने SIR को “फर्जी योजना” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह एक तरह का धोखा है, जहां जनता को शामिल नहीं किया जा रहा। राज्य को दरकिनार कर, अधिकारियों के जरिए फैसले थोपे जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के खिलाफ कई शिकायतें हैं, जिन्हें वह समय आने पर उजागर करेंगी।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब SIR शुरू भी नहीं हुआ, तो एक केंद्रीय मंत्री ने डेढ़ करोड़ वोटरों के नाम हटाने की बात कैसे कह दी? “क्या यह निष्पक्ष प्रक्रिया है? क्या यह लोकतंत्र है?” उन्होंने कहा।
“SIR नहीं, यह NRC का पिछला दरवाजा है”
ममता ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि SIR के बहाने असली वोटरों के नाम हटाने की साजिश की जा रही है। “यह कोई नई नीति नहीं, बल्कि NRC को लागू करने की कोशिश है। यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर असली मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया गया, तो बंगाल के लोग इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता है, न कि कोई पार्टी या सत्ता में बैठी सरकार।
“दिल्ली में भी एक मीर जाफर बैठा है”
ममता ने बिना नाम लिए केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “दिल्ली में एक मीर जाफर बैठा है, जिसे लगता है कि वह सब कुछ नियंत्रित कर सकता है। लेकिन सच छिपाया नहीं जा सकता, जल्द ही सबके सामने आ जाएगा।”
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार और उसकी एजेंसियां हर क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप कर रही हैं — चाहे वह शिक्षा हो, त्योहार हों या प्रशासनिक निर्णय। “अगर यह रवैया जारी रहा, तो जनता ही इस सत्ता के अहंकार का अंत करेगी,” ममता ने कहा।














