
उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण और उपस्थितियों के माध्यम से एक अलग छवि पेश की। पहाड़ी ब्रह्मकमल टोपी पहनकर और गढ़वाली में तीन बार संबोधन देते हुए मोदी ने संस्कृति के संवाहक के साथ-साथ मार्गदर्शक और अभिभावक की भूमिका निभाई। “अटल जी ने बनाया, मोदी जी संवारेंगे” का नारा अब जिम्मेदारी और दायित्व की भावना का प्रतीक बन चुका है। बिहार चुनाव प्रचार में विपक्षियों पर तीखे प्रहार करने वाले मोदी इस अवसर पर राजनीति से दूरी बनाए रखते नजर आए। 25 साल पूरे कर 26वें वर्ष में प्रवेश कर रहे राज्य के स्थापना उत्सव में उन्होंने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से खुद को अलग रखा।
राज्य से गहरा लगाव और जनता का स्नेह
प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव हमेशा देखा गया है। रजत जयंती समारोह में उन्होंने यह लगाव अपने संबोधन में स्पष्ट किया और प्रेरणा का स्रोत भी साझा किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर रहने वाले लोगों का संघर्ष, परिश्रम और कठिनाइयों से पार पाने की इच्छा उन्हें सदैव प्रेरित करती रही है। केंद्र की सत्ता में आने के बाद यह रिश्ता और मजबूत हुआ।
इसके बदले में राज्यवासियों ने भी मोदी पर अपना भरोसा और स्नेह जताया। वर्ष 2014 और उसके बाद तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तराखंड की सभी पांच सीटें जीतीं। दो विधानसभा चुनावों में भाजपा लगातार सत्ता में बनी रही और राज्य में सत्ता बदलने का मिथक तोड़ दिया। इस उत्सव में मोदी ने विपक्ष पर हमला करने से परहेज किया और एक मार्गदर्शक के रूप में अपनी बात रखी।
विकास के लिए 25 साल का दृष्टिकोण
मोदी ने “डबल इंजन” के रूप में उत्तराखंड के विकास को मजबूत बनाने की दिशा में कई उदाहरण पेश किए। वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार द्वारा राज्य को दी गई सहायता और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। एक लाख करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं राज्य में संचालित हो रही हैं। सीमित संसाधनों वाले इस प्रदेश में आवासीय विकास हो या आर्थिक मजबूती, मोदी समय-समय पर इसके लिए रणनीति और मार्गदर्शन प्रदान करते रहे हैं।
अभिभावक और मार्गदर्शक के रूप में भरोसा
रजत जयंती समारोह में मोदी ने अभिभावक की भूमिका निभाते हुए भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार हमेशा उत्तराखंड सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि हर कदम पर सहयोग देने को हम तत्पर हैं। इसके अलावा, राज्य के भविष्य को लेकर प्रेरणादायक संबोधन में मोदी ने मार्गदर्शक के रूप में अपेक्षाएं भी रखीं। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों के बाद जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब उत्तराखंड किस ऊँचाई पर होगा, यह लक्ष्य अभी से तय करना चाहिए। रास्ता चुनें और इंतजार किए बिना आगे बढ़ना चाहिए।














