
राजस्थान में मतदाता सूची को सटीक और अद्यतन बनाए रखने के लिए निर्वाचन आयोग जल्द ही बिहार की तर्ज पर विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू कर सकता है। इस अभियान के अंतर्गत मतदाताओं से उनकी नागरिकता और पहचान से जुड़े प्रमाणिक दस्तावेज मांगे जाएंगे। खास बात यह है कि इस प्रक्रिया में वोटर आईडी और आधार कार्ड को पहचान का प्रमाण नहीं माना जाएगा। ऐसे में अगर आप मतदाता सूची में अपना नाम बनाए रखना चाहते हैं, तो अभी से ज़रूरी दस्तावेज तैयार कर लें।
मतदाता पहचान के लिए नहीं मान्य होंगे वोटर आईडी और आधार
चौंकाने वाली बात यह है कि इस विशेष अभियान के दौरान वोटर कार्ड और आधार कार्ड को पहचान का वैध दस्तावेज नहीं माना जाएगा। आयोग की नजर में ये दस्तावेज केवल सहायक होंगे, लेकिन पहचान और नागरिकता की पुष्टि के लिए अन्य वैध दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
तीन वर्गों में बांटे गए दस्तावेजी मानदंड
इस पुनरीक्षण अभियान के दौरान नागरिकों को तीन श्रेणियों में बांटकर दस्तावेज मांगे जाएंगे:
जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है: केवल स्वयं की पहचान का प्रमाण देना होगा।
जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है: स्वयं के साथ माता या पिता में से किसी एक का पहचान प्रमाण देना होगा।
जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है: स्वयं के साथ माता-पिता दोनों के जन्म और जन्मस्थान से संबंधित प्रमाणपत्र आवश्यक होंगे।
मान्य दस्तावेजों की सूची
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि निम्न दस्तावेज पहचान प्रमाण के रूप में मान्य होंगे:
—सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी/पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पीपीओ
—राज्य सरकार/स्थानीय निकाय/बैंक या डाकघर द्वारा जारी पासबुक
—एलआईसी या किसी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम द्वारा जुलाई 1987 से पहले जारी कोई प्रमाणपत्र
—जन्म प्रमाणपत्र
—पासपोर्ट
—बोर्ड या विश्वविद्यालय का शैक्षणिक प्रमाण पत्र
—मूल निवास प्रमाण पत्र
—वन अधिकार प्रमाण पत्र
—जाति प्रमाण पत्र (SC/ST/OBC)
—राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NPR)
—पारिवारिक रजिस्टर या राशन कार्ड
—भूमि या मकान का आवंटन प्रमाणपत्र
तारीखों की घोषणा जल्द
फिलहाल इस विशेष अभियान की तिथियां घोषित नहीं की गई हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग जल्द ही इसके लिए विस्तृत शेड्यूल जारी कर सकता है। जयपुर समेत अन्य जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी इस संबंध में प्रशासनिक तैयारियों में जुट चुके हैं।
यदि आप मतदाता बने रहना चाहते हैं और आगामी चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करना चाहते हैं, तो यह समय है कि आप अपने और अपने परिवार के वैध दस्तावेजों की जांच कर लें। यह अभियान न सिर्फ मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि फर्जी नामों और अनधिकृत मतदाताओं को सूची से हटाने में मदद करेगा। तैयार रहें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभाएं।














