
राजस्थान के अजमेर में शनिवार की सुबह प्रशासन ने एक बड़ी और सख्त कार्रवाई की शुरुआत की। दरगाह शरीफ के नजदीक स्थित तारागढ़ इलाके में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की जमीन पर अवैध रूप से बनी करीब 200 से ज्यादा दुकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। इस कार्रवाई के दौरान पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो।
अवैध निर्माण पर प्रशासन का बुलडोज़र
अजमेर की प्रसिद्ध दरगाह शरीफ के पास स्थित तारागढ़ क्षेत्र में वर्षों से वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गईं केबिननुमा दुकानें अब प्रशासन के निशाने पर हैं। शनिवार को तड़के वन विभाग की टीम और भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। इन दुकानों को अवैध करार देते हुए उन्हें गिराने का अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार, यह जमीन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अंतर्गत आती है और उस पर किसी भी प्रकार का निजी निर्माण अवैध है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, जनता कर रही सहयोग
अजमेर की एसपी वंदिता राणा ने जानकारी दी कि पूरे इलाके में पुलिस का सख्त पहरा है और किसी भी अनहोनी की आशंका को लेकर सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क है। उन्होंने बताया कि आम नागरिक प्रशासन की इस कार्रवाई में सहयोग कर रहे हैं और फिलहाल माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है। इलाके में बैरिकेडिंग की गई है और आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
पूरे तारागढ़ इलाके को प्रशासन ने छह सेक्टरों में विभाजित किया है और हर सेक्टर में पुलिस और आरएसी के जवानों को तैनात किया गया है। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जांच की जा रही है और केवल अधिकृत कर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है। बिना पहचान पत्र किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही।
कोर्ट से स्टे लेने वालों को राहत, बाकी पर कार्रवाई जारी
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन दुकानदारों ने अदालत से स्टे लिया है, उनकी दुकानों को फिलहाल नहीं गिराया जाएगा। लेकिन जिन दुकानों पर कोई कानूनी रोक नहीं है, उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है। यह अभियान चरणबद्ध तरीके से आगे भी जारी रहेगा और फॉरेस्ट लैंड को पूरी तरह से खाली कराया जाएगा।
तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में स्थित कुल 258 दुकानों को प्रशासन ने अवैध घोषित किया है। इनमें से लगभग 200 दुकानों को पहले चरण में गिराया जा रहा है। मौके पर वन विभाग, राजस्थान पुलिस और आरएसी के अधिकारी व जवान मौजूद हैं। मीडिया को इस कार्रवाई से दूर रखा गया है और कवरेज पर भी सीमित नियंत्रण रखा गया है।
अजमेर में चल रही यह कार्रवाई प्रशासन की ओर से अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ा संदेश है। दशकों से चल रहे इन अतिक्रमणों को हटाना न सिर्फ कानून की दृढ़ता को दर्शाता है बल्कि आमजन के अधिकारों की रक्षा का भी संकेत देता है। आने वाले दिनों में यह देखा जाना बाकी है कि प्रशासन किस हद तक इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाता है और क्या सभी 258 अवैध दुकानों को पूरी तरह हटाया जा सकेगा।














