
राजस्थान के ब्यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत की पुत्री और भीलवाड़ा जिले के करेड़ा क्षेत्र में पदस्थ नायब तहसीलदार कंचन चौहान को लेकर बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है। राजस्व मंडल राजस्थान ने उन्हें प्रशासनिक आधार पर एपीओ (Awaiting Posting Orders) कर दिया है। यह आदेश राज्य सरकार के निर्देश पर जारी किया गया है, जिसके तहत कंचन चौहान को आगामी आदेश तक राजस्व मंडल, अजमेर में उपस्थित रहने को कहा गया है। इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
RAS-2018 चयन प्रक्रिया पर खड़े हुए गंभीर सवाल
कंचन चौहान आरएएस-2018 बैच की अधिकारी हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे आरएएस सेवा में नियुक्ति हासिल की। इस मामले को लेकर 12 अगस्त को ब्यावर निवासी फणीश कुमार सोनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद आरपीएससी स्तर पर मामले की जांच करवाई गई, हालांकि अब तक जांच रिपोर्ट राजस्व मंडल को औपचारिक रूप से सौंपे जाने की पुष्टि नहीं हुई है।
शिकायतकर्ता का दावा—जांच में सामने आएंगे और तथ्य
मामले के शिकायतकर्ता फणीश कुमार सोनी का कहना है कि जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, और भी महत्वपूर्ण सबूत सामने आ सकते हैं। उन्होंने कंचन चौहान का दोबारा मेडिकल परीक्षण कराने और पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय व निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई से वे संतुष्ट हैं और उम्मीद जताई है कि मामले में नियमों के अनुसार सख्त और निष्पक्ष निर्णय लिया जाएगा।














