महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना (Ladki Bahin Yojana) के 2200 से अधिक लाभार्थी सरकारी कर्मचारी पाए गए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस खुलासे किया। उन्होंने बताया कि लगभग 2 लाख आवेदनों की जांच के दौरान 2,289 सरकारी कर्मचारी योजना के लाभार्थी के रूप में पाए गए। मंत्री ने कहा कि यह जांच एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और ऐसे लाभार्थियों को योजना का लाभ अब नहीं दिया जा रहा है।
मंत्री अदिति तटकरे ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि केवल पात्र लाभार्थियों को ही लाड़ली बहन योजना का लाभ मिले। जांच प्रक्रिया अभी भी जारी है ताकि कोई भी अनुचित लाभ न ले सके। यह योजना महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले अगस्त 2023 में शुरू की गई थी, जिसमें 21 से 65 वर्ष की आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को मासिक 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। हालांकि, सरकारी कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं हैं।
"लाभार्थ्यांची पडताळणी" ही कोणत्याही योजनेच्या अंमलबजावणीतील सर्वसाधारण व नियमित प्रक्रिया आहे. मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेच्या अंमलबजावणीतही ही प्रक्रिया राबवली जाते. या प्रक्रियेत सेवार्थ मधील जवळपास २ लाख अर्जांची पडताळणी केल्यानंतर त्यात सुमारे २२८९ सरकारी कर्मचाऱ्यांनी…
— Aditi S Tatkare (@iAditiTatkare) May 30, 2025
महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने विधानसभा चुनाव में इस योजना को अपनी जीत का एक बड़ा कारण बताया है, लेकिन साथ ही स्वीकार किया है कि इस योजना ने राज्य के खजाने पर भारी दबाव भी डाला है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करना था, लेकिन सरकारी कर्मचारियों के लाभार्थी पाए जाने से योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में केवल सही पात्रों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा और इसके लिए कड़ी निगरानी जारी रहेगी।