
दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए भीषण धमाके ने पूरे देश को दहला दिया। इस विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जांच एजेंसियों ने इसे फिदायीन हमला माना है, जिसकी योजना और क्रियान्वयन कथित आतंकी डॉ. मोहम्मद उमर ने किया था। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उमर की मां और भाई को हिरासत में ले लिया है। वहीं, उसकी भाभी ने मीडिया से बातचीत में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
भाभी ने बताया – “उमर ने घर फोन न करने को कहा था”
उमर की भाभी ने बताया कि धमाके से तीन दिन पहले यानी शुक्रवार को आखिरी बार परिवार से उसकी बातचीत हुई थी। उस दौरान उमर ने अपनी मां से कहा था कि उसे बार-बार कॉल न किया जाए, क्योंकि वह लाइब्रेरी में व्यस्त है। इसके बाद से उसने किसी से संपर्क नहीं किया। भाभी के मुताबिक, “उमर आमतौर पर रोज घर फोन करता था, लेकिन उस दिन की बात कुछ अलग थी। अब समझ आ रहा है कि वह कुछ बड़ा प्लान कर रहा था।”
डॉक्टर से आतंकी बनने तक का सफर
जांच में सामने आया है कि डॉ. मोहम्मद उमर पेशे से डॉक्टर था, जिसने 2017 में श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई पूरी की थी। उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 15313 था। 24 फरवरी 1989 को पुलवामा के कोईल गांव में जन्मे उमर को उसके साथी अल फलाह मेडिकल कॉलेज का अनुशासित और मेहनती छात्र बताया करते थे। लेकिन मेडिकल डिग्री हासिल करने के कुछ साल बाद ही वह कट्टरपंथी विचारधारा के प्रभाव में आ गया और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा कनेक्शन
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि उमर फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। कुछ दिनों पहले इस मॉड्यूल से जुड़े कई डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया था, जिनके पास से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। बताया जा रहा है कि उमर भी उसी नेटवर्क का हिस्सा था, जिसने दिल्ली में यह बड़ा धमाका करने की साजिश रची थी।
जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग का एंगल
इसी मॉड्यूल से जुड़ी डॉ. शाहीना नाम की महिला को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि उसे जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग “जमात-उल-मोमिनात” की भारतीय इकाई की जिम्मेदारी दी गई थी। पाकिस्तान में इस विंग की अगुवाई सादिया अजहर करती है, जो जैश सरगना मसूद अजहर की बहन है। सादिया का पति यूसुफ अजहर कंधार विमान अपहरण कांड का मास्टरमाइंड था।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
फिलहाल दिल्ली पुलिस, एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस केस की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या उमर अकेला काम कर रहा था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था। पूरे मॉड्यूल के भारत में फैले नेटवर्क को खंगालने के लिए कई राज्यों में छापेमारी जारी है।














