BJP ने सांसदों के लिए जारी किया व्हिप, सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा कॉमन सिविल कोड
By: Pinki Tue, 11 Feb 2020 07:59:28
आज पूरे देश की नजर दो चीजों पर टिकी है। पहली दिल्ली के चुनावी नतीजें दूसरी संसद के बजट सत्र ब के पहले चरण के आखिरी दिन यानी आज बीजेपी द्वारा सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी करना। सोमवार देर शाम को भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा के अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। पार्टी ने व्हिप जारी कर कहा है कि सरकार के रुख पर समर्थन के लिए सांसद अनिवार्य रूप से सदन में मंगलवार को मौजूद रहें। इस व्हिप के बाद अटकलें तेज हो गईं कि मोदी सरकार मंगलवार को क्या कोई विधेयक लाने वाली है? वहीं सोशल मीडिया पर कयासों का बाजार गर्म होने लगा और कई तरह की अटकलबाजी भी लगने लगी। ट्विटर पर लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड से लेकर कुछ बड़े फैसले पर चर्चा करने लगे।
#UniformCivilCode would be reality v soon 👍👍👍 pic.twitter.com/hY3P2S79LO
— pravin shirke🇮🇳 (@pravinshirke) February 10, 2020
I predicted when no one else ...
— Niraj Singh नीरज 🇮🇳 (@PatriotNiraj) February 10, 2020
Let c Tomorrow 😊#UniformCivilCode #DelhiResults pic.twitter.com/LRzlmsL2k7
बता दे, आज शाम चार बजे से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर उठाए गए सवालों का जवाब भी देंगी। ऐसे में बीजेपी की ओर से दोनों सदनों के सदस्यों को व्हिप जारी किया गया, जिसमें सभी सदस्यों को सदन में उपस्थित रखने को कहा गया और सरकार का समर्थन करने को कहा गया।
देर रात को जैसे ही भाजपा का व्हिप सामने आया तो ट्विटर पर लोग एक्टिव हो गए और तरह-तरह के कयास लगाने लगे। दरअसल, इससे पहले जब भी भाजपा ने हाल ही के दिनों में अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है तब कुछ बड़ा ही हुआ है।
बता दें कि इस बार बजट खत्म होने से पहले सरकार संसद में मनी बिल पेश करेगी। टैक्स से जुड़ा हुआ विवाद से संवाद बिल संसद में पास करवाया जाएगा, इसको लेकर भी व्हिप जारी किया जा सकता है। बीजेपी के व्हिप जारी किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर जो चर्चा चल रही है उसमें सबसे पहला नाम ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का है, जो कि भाजपा के कोर एजेंडे में रहा है। सोशल मीडिया पर एक कागज वायरल हो रहा है, जिसे संसद की कार्यवाही का हिस्सा बताया जा रहा है और उसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल 2020 का जिक्र किया गया है।
इस बिल के अलावा जो चर्चा सोशल मीडिया पर सबसे तेज है कि दिल्ली के बॉर्डर में कुछ बदलाव किया जा सकता है। जिसमें बॉर्डर के इलाके का उत्तर प्रदेश में विलय, दिल्ली को लद्दाख की तरह केंद्रशासित बनाना जहां कोई विधानसभा ना हो।
हालांकि, यह सब अटकलें है जो लगाई जा रही है सरकार या पार्टी की तरफ से किसी भी बात की पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में जब तक सरकार किसी बात की पुष्टि ना कर दे तब तक अटकलों पर ध्यान देना गलत होगा।