तुर्किये में आए 4 बड़े भूकंप, इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा तबाही, 1400 मौतें

By: Priyanka Maheshwari Mon, 06 Feb 2023 5:50:17

तुर्किये में आए 4 बड़े भूकंप, इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा तबाही, 1400 मौतें

मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों ने कई इलाकों में सबकुछ तहस-नहस कर दिया। बड़ी-बड़ी मजबूत बिल्डिंगें कुदरत के इस कहर को नहीं झेल पाईं और कुछ सेकेंड के भीतर ही भरभराकर जमींदोज हो गईं। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है। तुर्किये में 4 बड़े भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनमें से 3 झटके केवल 30 मिनट की भीतर आए। पहले भूकंप का केंद्र तुर्किये के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और जमीन से करीब 24 किलोमीटर नीचे था।

लोकल समय के मुताबिक ये भूकंप सुबह 04:17 बजे आया। 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद यानी 04:28 बजे आया। इसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। इसके 19 मिनट बाद यानी 4:47 बजे 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया।

वहीं न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, तुर्किये में दोपहर को भी 7.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया है। हालांकि, टर्किश मीडिया ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। उसका कहना है कि कम से कम 3 ऑफ्टर शॉक्स ऐसे थे, जिनकी तीव्रता 7 से लेकर 6.7 तक थी। अब तक 78 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए हैं।

षण भूकंप में अब तक 1400 लोगों की मौत हो गई है जबकि 5,380 लोग घायल हो गए हैं। भूकंप में 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं और मलबे के भीतर से 2470 लोगों को बचाया गया है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं। बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है।

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इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा तबाही

अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।

100 साल बाद आया इतना खतरनाक भूकंप

उधर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक तुर्किये में मरने वालों की संख्या 1000 हो गई है। यह संख्या 10000 तक पहुंच सकती है।

USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30000 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

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