सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल - महामारी की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित हुए तो मां-बाप क्या करेंगे?

By: Pinki Thu, 06 May 2021 3:08:06

 सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल - महामारी की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित हुए तो मां-बाप क्या करेंगे?

कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई। अदालत ने केंद्र से कहा कि वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की बात कह रहे हैं। उसमें बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में मां-बाप क्या करेंगे। अदालत ने केंद्र से इसका प्लान पूछा। साथ ही कहा कि टीकाकरण अभियान में बच्चों के लिए भी सोचा जाना चाहिए।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अभी हम स्टेज 2 में है। स्टेज 3 भी आएगा। उसकी क्या तैयारी है? उसके अलग चैलेंज होंगे। इसलिए हम क्या कर रहे है।? वहीं बेंच में शामिल जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि यहां हम सिर्फ दिल्ली की बात कर रहे हैं, लेकिन भारत तो गांव में रहता है। दूरदराज के इलाकों के लिए क्या प्लान है। भविष्य की क्या तैयारी है। अगर कोई इमरजेंसी आई तो कैसे काम करेंगे। आप कह रहे हैं कि ऑक्सीजन ले जाने वाला कंटेनर नहीं है। तो कैसे काम होगा।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि थर्ड फेज शुरू हो सकता है। अगर बच्चे इसमें इनफेक्ट होते हैं तो मां बाप कैसे क्या करेंगे? क्या वो बच्चों के साथ अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे? क्या प्लान है? उनके टीकाकरण को लेकर क्या हो रहा है?

इसके जवाब ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि टॉप लेवल पर फैसले लिए जा रहे हैं और फैसलों पर दोबारा भी विचार किया जा रहा है। ऑक्सीजन के लिए टैंकर्स का अरेंजमेंट हो रहा है। तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ट्रेन तैयार कर रही है, जो कोविड हॉस्पिटल की तरह काम करेगा। वो गांव गांव तक जाएगा। सरकार सबके लिए सोच रही है।

इसके अलावा अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र, सुप्रीम कोर्ट को यह बताए कि वह दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन कैसे देगा. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोरोना की तीसरा लहर की आशंका के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर अफरातफरी ना मचे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको दिल्ली में 700 एमटी ऑक्सीजन देना होगा. फिलहाल हमारे स्वास्थ्यकर्मी बिल्कुल थक गए हैं. आप बेहतर स्वास्थ्य सेवा कैसे सुनिश्चित करेंगे? अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन का ऑडिट करवाने और इसके अलॉटमेंट के तरीके पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

आपको बता दे, विशेषज्ञ देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की भी बात कर रहे है. विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि तीसरी लहर बच्‍चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर सितंबर तक आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोरोना की पहली लहर बुजुर्गों के लिए खतरा बनी थी वहीं, दूसरी लहर युवा आबादी के लिए खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में अगर तीसरी लहर आती है तो यह बच्‍चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बाल चिकित्सा और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों का कहना है कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू कर देना चाहिए। अगर सरकार ने इस संबंध में जल्‍दी कोई कदम नहीं उठाए तो कोरोना की तीसरी लहर बच्‍चों के लिए घातक साबित हो सकती है।

ये भी पढ़े :

# कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं ये 8 राज्य

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com