सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के आदेश में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

By: Rajesh Bhagtani Thu, 21 Sept 2023 7:36:57

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के आदेश में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल विनियमन समिति के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया जिसमें कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। दरअसल आदेश के तहत कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने कर्नाटक को आदेश दिया था कि वह तमिलनाडु को 5000 क्युसेक पानी जारी करे। प्राधिकरण ने 18 सितंबर को यह आदेश दिया था और आदेश के तहत कर्नाटक को 28 सितंबर तक तमिलनाडु को पानी देना था। हालांकि सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे कर्नाटक ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां से अब कर्नाटक सरकार को झटका लगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण के आदेश में कोई भी हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को हर 15 दिन में बैठक करने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने किया हस्तक्षेप से इनकार

जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम तमिलनाडु की उस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण समिति के आदेश को इस आधार पर बरकरार रखने के फैसले को चुनौती दी है कि बारिश की कमी की वजह से सूखे जैसी स्थिति है।

खंडपीठ ने कहा कि सीडब्ल्यूएमए और सीएमआरसी में जल संसाधन प्रबंधन और कृषि के क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञ शामिल हैं। अदालत ने कहा कि सीएमआरसी ने इस साल पानी की कमी और पिछले 15 दिनों में कावेरी बेसिन में बढ़ती संकट की स्थिति सहित कई अन्य कारकों को ध्यान में रखा है। न्यायालय ने यह भी कहा कि हर 15 दिन में उचित प्राधिकारियों द्वारा स्थिति की निगरानी की जा रही है।

तमिलनाडु की याचिका


हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक से अपने जलाशय के जल में से 24 हजार क्युसेक पानी प्रतिदिन देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं कर्नाटक का कहना है कि इस बार कम बारिश की वजह से राज्य को सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से कर्नाटक ने पानी छोड़ने में असमर्थता जताई थी।

सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की बैठक


इससे पहले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने दिल्ली में कावेरी नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर एक बैठक की थी। बाद में दोनों नेताओं ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मुलाकात की।

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