जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट को चार नए न्यायाधीश मिल गए हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आनंद शर्मा, सुनील बेनीवाल, मुकेश राजपुरोहित और संदीप शाह की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति के वारंट भी जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही, राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ, जोधपुर में चारों नए न्यायाधीश शपथ ग्रहण करेंगे।
वर्तमान में राजस्थान हाईकोर्ट में 34 न्यायाधीश कार्यरत हैं। इन चारों के शपथ लेने के बाद यह संख्या बढ़कर 38 हो जाएगी। हालांकि, हाईकोर्ट में कुल स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 50 है, यानी अभी भी 12 पद रिक्त हैं। न्यायपालिका में जजों की कमी के कारण मुकदमों के निस्तारण में देरी होती रही है।
लंबित मुकदमों पर पड़ेगा असर
राजस्थान हाईकोर्ट में इस समय 1.82 लाख आपराधिक मामलों सहित कुल 6.71 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। इनमें से लगभग 77 फीसदी मुकदमे एक साल से अधिक पुराने हैं। नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्याय प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को भी राहत मिलेगी। हालांकि, अभी भी 12 स्वीकृत पदों पर न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे मुकदमों की बढ़ती संख्या को देखते हुए और सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।
न्यायपालिका से जुड़े लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही अन्य रिक्त पदों को भी भरा जाएगा, जिससे न्याय प्रक्रिया और अधिक सुगम हो सकेगी। न्यायाधीशों की संख्या बढ़ने से फैसलों की गति तेज होगी और लंबित मामलों में कमी आएगी। हाईकोर्ट प्रशासन भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठा रहा है, ताकि लंबित मुकदमों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सके।