चाइनीज मांझे से बढ़ते हादसों पर राजस्थान सरकार की सख्ती, मकर संक्रांति के लिए नई एडवाइजरी जारी
By: Sandeep Gupta Sun, 05 Jan 2025 09:42:25
मकर संक्रांति का त्योहार अब कुछ ही दिनों में दस्तक देने वाला है, और इस पर्व को पूरे भारत में धूमधाम से मनाने की तैयारी हो रही है। मकर संक्रांति, जिसे पतंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है, पर पतंग उड़ाने की परंपरा खासतौर से जोधपुर, जयपुर, अजमेर जैसे शहरों में देखने को मिलती है। लेकिन इस दौरान चाइनीज मांझे का इस्तेमाल कई बार हादसों का कारण बन जाता है, जिससे जान-माल का नुकसान होता है।
चाइनीज मांझे से होने वाली दुर्घटनाएं
पतंग उड़ाने के दौरान चाइनीज मांझे का इस्तेमाल बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। इन मांझों की तीव्र धार से ना केवल दोपहिया वाहन चालकों को नुकसान होता है, बल्कि पक्षियों के पंख भी कट जाते हैं। कई बार ये मांझे वाहन चालकों की गर्दन में फंस जाते हैं, जिससे गंभीर चोटें लगती हैं। इसके अलावा, यह मांझा विद्युत प्रवाह के संपर्क में आकर बिजली के तारों के लिए भी खतरे का कारण बनता है, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो सकती है।
राजस्थान सरकार ने जारी की एडवाइजरी
इस खतरे को देखते हुए, राजस्थान सरकार ने मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी के लिए एडवाइजरी जारी की है। शुपालन, गोपालन और डेयरी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला कलक्टरों को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के दौरान दोपहिया वाहन चालकों और पक्षियों को जान का खतरा होने की संभावना है। उन्होंने खासकर चाइनीज मांझे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया।
चाइनीज मांझे के निर्माण, भंडारण और विक्रय पर रोक
डॉ. समित शर्मा ने विभागीय निर्देश में कहा कि चाइनीज मांझे के निर्माण, भंडारण और विक्रय पर तत्काल रोक लगाई जाए। इसके उल्लंघन पर पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन मांझों के कारण विद्युत लाइन से जुड़ी दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं, जिससे सार्वजनिक सेवाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
सूती धागों के उपयोग के लिए जागरूकता अभियान
इसके अलावा, डॉ. शर्मा ने लोगों को सूती धागों या बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बने धागों के उपयोग के लिए प्रेरित करने की बात की है। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा लागू प्रतिबंधों के बारे में आम जनमानस को प्रचारित किया जाए। इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
पक्षियों की चिकित्सा के लिए विशेष प्रबंध
पतंगबाजी के दौरान घायल होने वाले पक्षियों के इलाज के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। डॉ. शर्मा ने सभी जिलों में मकर संक्रांति के अवसर पर पशुपालन विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं और पक्षी प्रेमियों के साथ मिलकर पक्षी चिकित्सा शिविर लगाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे, जिससे घायल पक्षियों को त्वरित उपचार मिल सके।
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