राजस्थान : पैसा के लालच में जिंदा आदमी का कर देते पोस्टमार्टम, दौसा पुलिस ने गैंग के 15 लोगों को किया गिरफ्तार

By: Pinki Tue, 12 Oct 2021 10:15:01

राजस्थान : पैसा के लालच में जिंदा आदमी का कर देते पोस्टमार्टम, दौसा पुलिस ने गैंग के 15 लोगों को किया गिरफ्तार

क्या कभी आपने पोस्टमार्टम गैंग के बारे में सुना है। यह सुनने में थोडा अटपटा लगेगा लेकिन यह साचा है। राजस्थान के दौसा जिले में ऐसा गिरोह पुलिस ने पकड़ा जो बिना मौत हुए लोगों पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करता है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट के आधार पर व्यक्ति के नाम से 10 लाख रुपए का क्लेम तक उठा लेता है। पुलिस ने गिरोह में शामिल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वकील, पुलिसकर्मी, डॉक्टर और कंपनी सर्वेयर भी शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार, वर्ष 2016 में यहां कोतवाली थाने में दिल्ली के रहने वाले अरूण नामक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत होने का मामला दर्ज कराया गया। पुलिस की जांच में जांच अधिकारी रमेश चंद और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सतीश और एक वकील चतुर्भुज की मिलीभगत सामने आई। पुलिस ने जांच में पाया कि अरुण नामक व्यक्ति की मौत हुई ही नहीं और वह अभी जिंदा है। इसके बावजूद एक्सीडेंट दिखाया गया और फर्जी पोस्टमार्टम भी दस्तावेजों के आधार पर बीमा कंपनी के सर्वर के साथ मिलकर 10 लाख रुपए का क्लेम भी ले लिया।

पहले भी कई मामले सामने आए

पुलिस ने जांच में पाया गया है कि यह पहला मामला नहीं है बल्कि इस तरह के कई मामले मिले, जिनमें सड़क दुर्घटना नहीं होने के बावजूद भी कागजों में सड़क दुर्घटना दिखाई गई। गिरोह ने व्यक्ति को मृत बताकर फर्जी पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद मामलों की जांच सीआईडी सीबी और जयपुर रेंज आईजी कार्यालय के द्वारा भी की गई। लंबी जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने कुल 3 मामलों का खुलासा किया है।

दौसा एसपी अनिल कुमार ने बताया कि 2016 में बेजवाडी निवासी रामकुमार मीणा का फर्जी एक्सीडेंट और फर्जी पोस्टमार्टम दिखाया गया, जबकि रामकुमार की मौत 3 माह पहले ही टीबी की बीमारी से हो गई थी। इसी तरह 2016 में भांवता गांव निवासी जनसीराम और नाथूलाल की मौत सड़क दुर्घटना में बताकर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई थी, जबकि जनसीराम की हार्टअटैक से और नाथूलाल की मृत्यु कैंसर से हुई थी।

पुलिस ने इन मामलों में आरोपी डॉक्टर सतीश, एएसआई रमेश चंद और एडवोकेट चतुर्भुज सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन 3 मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी वर्ष 2019 में भी इसी तरह के एक प्रकरण में हो चुकी है। फर्जी क्लेम उठाने के मामले में अभी अन्य कई आरोपी फरार हैं।

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