जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस भीषण हमले में पुणे निवासी संतोष जगदाले की जान चली गई, जिनकी बेटी असावरी ने गुरुवार को अपने पिता की अंतिम यात्रा में खून से सने वही कपड़े पहनकर उन्हें कंधा दिया जो उन्होंने हमले के समय पहने थे। इस दृश्य ने वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दीं।
इस हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई है। संतोष जगदाले और उनके बचपन के मित्र कौस्तुभ गणबोटे भी आतंकियों के निशाने पर आ गए। हालांकि, असावरी और संतोष की पत्नी इस हमले में किसी तरह बच निकलीं। गुरुवार सुबह दोनों मृतकों के पार्थिव शरीर पुणे लाए गए, जहां शहर शोक में डूबा नजर आया।
नवी पेठ क्षेत्र स्थित वैकुंठ विद्युत शवदाह गृह में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार नारे लगाए। हर व्यक्ति के चेहरे पर आक्रोश और आंखों में आंसू थे।
26 वर्षीय असावरी, जो पेशे से एक एचआर प्रोफेशनल हैं, ने अंतिम यात्रा में अपने पिता की अर्थी को न केवल कंधा दिया बल्कि उनके अंतिम क्षणों की याद के तौर पर हमले के समय पहने गए कपड़े भी दोबारा पहन लिए। यह उनका साहसी और भावनात्मक श्रद्धांजलि देने का तरीका था।
इस हृदयविदारक क्षण से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार, जगदाले और गणबोटे के घर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। परिजनों ने उनसे मुलाकात के दौरान मांग की कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। महाराष्ट्र सरकार की मंत्री माधुरी मिसल भी संतोष जगदाले के परिजनों से मिलने पहुंचीं।