केंद्रीय बजट में किसी भी राज्य को धन देने से मना नहीं किया गया: निर्मला सीतारमण
By: Rajesh Bhagtani Tue, 30 July 2024 10:00:04
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के इस दावे को भ्रामक बताया कि अगर बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं लिया जाता है, तो उसे कोई बजटीय आवंटन नहीं मिलता है।
लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य को धन देने से इनकार नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने याद दिलाया कि पिछले बजटों में यूपीए सरकार ने भी अपने बजट भाषण में सभी राज्यों के नाम नहीं लिए थे।
सीतारमण ने कहा, "मैं 2004-2005, 2005-2006, 2006-2007, 2007-2008 और इसी तरह के बजट भाषणों को उठा रही हूं। 2004-2005 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था। मैं उस समय यूपीए सरकार के सदस्यों से पूछना चाहती हूं - क्या उन 17 राज्यों को पैसा नहीं दिया गया? क्या उन्होंने इसे रोक दिया?"
वह कई विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों का जवाब दे रही थीं कि बजट में केवल बिहार और आंध्र प्रदेश को ही धन मुहैया कराया गया है और अन्य राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है।
सीतारमण ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और भारी पूंजीगत व्यय के कारण महामारी के बाद के प्रभावों पर काबू पा लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का अनुपालन कर रही है। इससे चालू वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य 4.9 प्रतिशत से 2025-26 तक घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा। 2023-24 में घाटा 5.6 प्रतिशत था।
बजट में इस साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को 17,000 करोड़ रुपये की पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस की लागत के वित्तपोषण के लिए 12,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। सीतारमण ने कहा, "यही वह बोझ है जिसे हम अपने कंधों पर लेना चाहते हैं।"