महाराष्ट्र: शिवसेना का अजित पवार पर प्रहार, सामना में लिखा - 12 घंटे में बज गए 12
By: Pinki Sun, 24 Nov 2019 09:05:15
महाराष्ट्र में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना तो ली लेकिन लगता है जल्दबाजी में लिया फैसला बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित होने वाला है। दरअसल, बीजेपी द्वारा अजित पवार के साथ सरकार बनाने के बाद शरद पवार ने आनन-फानन में अपने विधायकों की अहम बैठक बुलाई और इस बैठक में उनके 54 में से 42 विधायक शामिल हुए। बैठक में अजित पवार को हटाकर पार्टी के विधायक दल के नए नेता बनाए गए जयंत पाटील ने कहा कि आज की बैठक में 42 विधायक शामिल हुए जबकि 7 संपर्क में हैं, रविवार को होने वाली एक और बैठक में 49 विधायक शामिल होंगे। अगर एनसीपी के दावे को सही माना जाए तो पार्टी में बड़ी टूट का संकट खत्म हो गया है, ऐसे में एनसीपी का बड़ा सिरदर्द तो दूर हो गया और यह सिरदर्द बीजेपी के ऊपर आ गया। शरद पवार की सक्रियता के बाद विधायक उन्हीं के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। अगर एनसीपी के दावों पर विश्वास किया जाए तो 54 में से 49 विधायक उसके साथ हैं तो सिर्फ 5 विधायकों के दम पर बीजेपी कैसे फ्लोर टेस्ट पर पास होगी।
वही अजित पवार के इस फैसले पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि यह बेशर्मी की राजनीति है। शरद पवार के साथ धोखा हुआ है। 12 घंटों के ही भीतर अजित पवार के 12 बज गए हैं। इस फर्जिकल स्ट्राइक की सुधि महाराष्ट्र लेगी। बीजेपी की जीत नहीं होगी।
क्या लिखा सामना में?
शिवसेना ने सामना में लिखा है कि सीएम पद की शपथ दिलाने का षडयंत्र रचा गया। यह एक तरह से जनता से छल और लोकतंत्र की हत्या है। नाराज लोगों ने भाजपा के इस कृत्य का निषेध करना शुरू कर दिया है। शाम होते-होते जुगाड़ की इस सरकार को जोरदार झटका लगा जब शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने जबरदस्त एकजुटता दिखाते हुए अपने-अपने विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए। इस कड़ी में देर शाम तक राकांपा के 54 में से 40 विधायक शरद पवार के साथ मजबूती के साथ खड़े नजर आए, जिससे यह साफ हो गया कि बेचारे अजित दादा पवार मात्र 3 विधायकों के साथ बुरी तरह फंस गए हैं, जिससे उबर पाना उनके लिए नामुमकिन है।
वही शनिवार शाम को हुई एनसीपी की बैठक में अजित पवार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया। एनसीपी ने उनके स्थान पर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील को विधायक दल का नया नेता चुना है और उन्हें अन्य निर्णयों के लिए अधिकृत किया गया है। बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विधायक शामिल हुए। उन्हें विधायकों को व्हिप जारी करने के साथ ही अन्य अधिकार दिए गए थे, जो तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए।
वही सरकार बनते ही कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी अपने-अपने विधायकों को बचाने की कोशिश में जुट गईं। कांग्रेस ने तो अपने विधायकों को जयपुर भेज दिया जबकि पहले उसकी योजना भोपाल भेजने की थी। शिवसेना भी अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए है।